आतंकियों की जड़ें खोदने में जुटा CIK: कश्मीर में ताबड़तोड़ कार्रवाई से दहशत फैल गई

सोशल मीडिया पर आतंकी मॉड्यूल चलाने वालों पर शिकंजा, सात जिलों में एक साथ छापेमारी

आतंकियों की जड़ें खोदने में जुटा CIK: कश्मीर में ताबड़तोड़ कार्रवाई से दहशत फैल गई

श्रीनगर, 20 सितंबर (एजेंसियां): कश्मीर घाटी में आतंकवाद की जड़ों को उखाड़ फेंकने के लिए काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने बड़ा कदम उठाया है। आतंकी संगठनों और उनके मॉड्यूल को ध्वस्त करने के लिए सीआईके ने ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है। इस कार्रवाई से घाटी में दहशत का माहौल है और आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों में खलबली मच गई है।

सूत्रों के अनुसार, यह तलाशी अभियान श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग, कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, पुलवामा और शोपियां जिलों में चलाया जा रहा है। इन सात जिलों में आठ अलग-अलग ठिकानों पर सीआईके की टीमें ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही हैं। इस तलाशी अभियान की विशेषता यह है कि यह कोई सामान्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि आतंकियों और उनके समर्थकों की जड़ों तक पहुंचने की ठोस कोशिश है।

जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई सीआईके पुलिस स्टेशन में 2003 में दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में की जा रही है। सक्षम अदालत से प्राप्त तलाशी वारंट के आधार पर यह कदम उठाया गया है। यह मामला उन व्यक्तियों और संगठनों से जुड़ा है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर आतंकवादियों और आतंकी संगठनों का महिमामंडन कर रहे थे। यही नहीं, वे ऑनलाइन आतंकी मॉड्यूल भी चला रहे थे, जिससे घाटी में युवाओं को भड़काने और उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की कोशिशें की जा रही थीं।

सीआईके की यह कार्रवाई घाटी में चल रहे आतंकवाद की जड़ों पर सीधा हमला है। अधिकारी ने बताया कि तलाशी अभियान अभी जारी है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और खुलासे सामने आएंगे। इस बात की पूरी संभावना है कि इस तलाशी से ऐसे कई चेहरे बेनकाब होंगे जो पर्दे के पीछे रहकर आतंकी संगठनों के लिए जमीन तैयार कर रहे थे।

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कश्मीर में सोशल मीडिया का दुरुपयोग लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती रहा है। कई आतंकी संगठन इसका इस्तेमाल न सिर्फ अपने विचार फैलाने में करते हैं, बल्कि नए मॉड्यूल बनाने, फंडिंग जुटाने और युवाओं को गुमराह करने में भी कर रहे हैं। ऐसे में सीआईके का यह कदम केवल एक तलाशी अभियान नहीं, बल्कि साइबर आतंकवाद की जड़ों को काटने की ठोस कोशिश है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की ताबड़तोड़ कार्रवाई से आतंकवादियों और उनके समर्थकों को साफ संदेश मिल रहा है कि अब वे किसी भी तरह की छिपी गतिविधि नहीं चला सकते। घाटी में पहले भी कई बार ऐसी कार्रवाइयों ने आतंकियों की रीढ़ तोड़ी है, लेकिन इस बार सीआईके ने सीधे उन लोगों पर शिकंजा कसा है, जो सोशल मीडिया की आड़ लेकर आतंकी गतिविधियों को नया रूप देने की कोशिश कर रहे थे।

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यह पहली बार नहीं है जब कश्मीर में आतंकवादियों और उनके समर्थकों पर इस तरह की बड़ी कार्रवाई हुई हो, लेकिन इस बार की छापेमारी में सीआईके ने यह साबित कर दिया है कि अब आतंकवादियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस ऑपरेशन से आतंकी तंत्र को गहरा धक्का लगेगा और घाटी में शांति बहाली की दिशा में बड़ा कदम उठेगा।

काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर की यह कार्रवाई घाटी के हालात को सामान्य बनाने की कोशिशों का हिस्सा है। अधिकारियों का कहना है कि अब आतंकियों के लिए न तो सोशल मीडिया सुरक्षित जगह होगी और न ही कोई गुप्त ठिकाना। तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज भी बरामद किए जाने की उम्मीद है, जो आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश करेंगे।

इस ताबड़तोड़ कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि घाटी में आतंकवाद की जड़ों को खत्म करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां किसी भी हद तक जा सकती हैं। यह कदम आतंकियों और उनके नेटवर्क को न केवल डराएगा बल्कि उन्हें यह भी एहसास कराएगा कि उनके लिए कोई सुरक्षित जगह अब बची नहीं है।

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