लखनऊ में किताबों का महाकुंभ : योगी ने किया चौथे गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन

लखनऊ में किताबों का महाकुंभ : योगी ने किया चौथे गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन

लखनऊ, 20 सितम्बर (एजेंसी)। लखनऊ विश्वविद्यालय आज साहित्य और ज्ञान की खुशबू से सराबोर हो उठा। किताबों और साहित्य का यह महाकुंभ, चौथा गोमती पुस्तक महोत्सव, शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य रूप से उद्घाटित किया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार), उत्तर प्रदेश सरकार और लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह महोत्सव देश के सबसे बड़े साहित्यिक आयोजनों में से एक माना जा रहा है।

WhatsApp Image 2025-09-20 at 20.53.32 (1)

उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश के. अवस्थी, पद्मश्री से सम्मानित अभिनेता-निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मनुका खन्ना तथा एनबीटी निदेशक युवराज मलिक मंचासीन रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूली बच्चों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुस्तकें भेंट कीं और कहा कि पढ़ना भारत की सनातन परंपरा है। प्रधानमंत्री के संदेश ‘When Citizens Read, the Country Leads’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “एक अच्छी किताब जीवन की दिशा बदल सकती है। मैं लखनऊ के बच्चों से अपील करता हूं कि वे महोत्सव में अवश्य आएं और कम से कम एक पुस्तक खरीदें।”

Read More संभल की बावड़ी में मिला बेशकीमती लाल पत्थर का फर्श

उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी गोरखपुर पुस्तक महोत्सव नवंबर के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। योगी ने छात्रों से आग्रह किया कि वे लंबे समय तक मोबाइल में उलझने के बजाय किताबों से जुड़ें। उन्होंने कहा, “लखनऊ विश्वविद्यालय में 20 हजार से अधिक विद्यार्थी हैं। यदि हर छात्र इस महोत्सव से एक पुस्तक लेकर जाएगा, तो यह आयोजन अपने उद्देश्य को सफल बना देगा।”

Read More आंबेडकर विरोधी है कांग्रेस की फितरत: सीएम योगी आदित्यनाथ

WhatsApp Image 2025-09-20 at 20.53.31 (1)

Read More कुएं की खुदाई करने वाले कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे ने साप्ताहिक सामूहिक पठन सत्र आयोजित करने का सुझाव दिया। वहीं प्रसिद्ध लेखक-फिल्मकार डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने नालंदा का उदाहरण देते हुए कहा कि “ज्ञान की ज्वाला कभी नष्ट नहीं होती।” उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में समावेशी पठन-पाठन सामग्री और छपी हुई किताबों के महत्व पर जोर दिया।

कार्यक्रम के समापन में एनबीटी निदेशक युवराज मलिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पुस्तक वितरण में पूरे देश में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और एनबीटी के सहयोग से “हर गांव में पुस्तकालय” अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।

महोत्सव के पहले दिन साहित्यिक चर्चाओं की श्रृंखला भी शुरू हुई। वरिष्ठ लेखक गुलाब कोठारी ने अपनी पुस्तक ‘स्त्री: देह से आगे’ पर लेखिका योगिता यादव के साथ बातचीत की और वैदिक साहित्य से जुड़े संदर्भों को वर्तमान समाज की लैंगिक भूमिकाओं से जोड़ा। इसके बाद लेखक नीरज वशिष्ठ ने अपनी पुस्तक ‘किम एंड कृष्णा’ पर चर्चा की, जिसमें एक भारतीय युवक और उत्तर कोरिया की युवती की प्रेमकथा प्रस्तुत की गई है। प्रो. प्रज्ञा और डॉ. ललित किशोर मंडोरा ने ‘बदलते परिवेश में हिंदी’ विषय पर विचार साझा किए।

शाम को भातखंडे संस्कृत विश्वविद्यालय के कलाकारों ने शास्त्रीय वाद्य रागों की मनमोहक प्रस्तुति दी।

225 से अधिक प्रकाशक और 200 से ज्यादा पुस्तक स्टॉल इस महोत्सव में शामिल हैं। पाठकों को राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय (Rashtriya e-Pustakalaya) का अनुभव करने का भी अवसर मिलेगा, जिसमें 3,000 से अधिक ई-पुस्तकें निःशुल्क उपलब्ध हैं। एनबीटी शीर्षकों पर 10% तक की विशेष छूट भी दी जा रही है।

28 सितम्बर तक चलने वाले इस पुस्तक महोत्सव में सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक निःशुल्क प्रवेश रहेगा। कार्यशालाएं, लेखक संवाद, बच्चों की गतिविधियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम इसमें शामिल रहेंगे। निःसंदेह, यह महोत्सव विचारों, रचनात्मकता, साहित्य और संस्कृति का जीवंत संगम है।

#गोमतीपुस्तकमहोत्सव, #लखनऊविश्वविद्यालय, #योगीआदित्यनाथ, #पुस्तकमहोत्सव, #साहित्यकामहाकुंभ, #NBTIndia, #पठनसंस्कृति, #हिंदीसाहित्य, #गोरखपुरपुस्तकमहोत्सव, #LucknowEvents