बीते चार दशक में हुए प्रदर्शनों की होगी सूक्ष्म जांच

 गृह मंत्रालय ने बीपीआरएंडडी को सौंपी अहम जिम्मेदारी

बीते चार दशक में हुए प्रदर्शनों की होगी सूक्ष्म जांच

नेपथ्य में सक्रिय साजिशी तत्वों की पहचान की जाएगी

नई दिल्ली, 15 सितंबर (एजेंसियां)। श्रीलंका, बांग्लादेश और अब नेपाल में सत्ता पलटने के सुनियोजित षडयंत्रों के तहत हुए अराजक प्रदर्शनों और हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत में पिछले चार दशकों में हुए प्रदर्शनों की बारिकियों से जांच करने का आदेश दिया है। खास तौर पर 74 आंदोलन के बाद हुए प्रदर्शनों की पूरी सूक्ष्मता से जांच की जाएगी कि इन आंदोलनों या प्रदर्शनों के पीछे क्या षडयंत्र थे और इनके पीछे कौन-कौन शक्तियां सक्रिय थीं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को इस शोध और जांच का दायित्व सौंपा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विरोध प्रदर्शनों का अध्ययन करने के बाद एक मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीज्योर- एसओपीभी तैयार करने के लिए कहा है। ताकि उन विरोध प्रदर्शनों के कारणोंवित्तीय पहलुओं और पर्दे के पीछे के लोगों का विश्लेषण के बाद ऐसी साजिशी गतिविधियों को कारगर तरीके से काबू में किया जा सके। अमित शाह ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली में इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन-2025 में इस तरह की जांच की आवश्यकता के बारे में बात की थी। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बतायापुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को विशेष रूप से इन विरोध प्रदर्शनों के कारणोंपैटर्न और परिणामों का विश्लेषण करने के लिए कहा गया है जिसमें यह भी पता लगाना है कि पर्दे के पीछे कौन लोग शामिल रहे हैं। यह निर्देश दिया गया है कि भविष्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन को रोकने के लिए अध्ययन के परिणामों के आधार पर एक एसओपी तैयार की जाए।

अमित शाह के निर्देशों के बादकेंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) एक टीम गठित करने की प्रक्रिया में है जो राज्य पुलिस विभागों के साथ सीआईडी की रिपोर्टों सहित पुरानी केस फाइलों के अध्ययन के लिए समन्वय करेगी। अमित शाह ने बीपीआरएंडडी को प्रवर्तन निदेशालयवित्तीय खुफिया इकाई-भारत और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटीजैसी वित्तीय जांच एजेंसियों को भी ऐसे आंदोलनों के वित्तीय पहलुओं की जांच करने के लिए शामिल करने को कहा है।

ऐसा भी बताया जा रहा है कि गृहमंत्री ने बीपीआरएंडडी को राज्य पुलिस विभागों के साथ समन्वय करके विभिन्न धार्मिक आयोजनों पर अध्ययन करने को कहा है ताकि भगदड़ जैसी घटनाओं के पीछे के कारणों को समझा जा सके और ऐसे आयोजनों की निगरानी और नियमन के लिए एक एसओपी तैयार किया जा सके। अमित शाह ने एनआईएबीएसएफ और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद और सामान्य आपराधिक गतिविधियों से निपटने के लिए अलग-अलग तरीके तैयार करने को कहा।

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गृह मंत्रालय के आला अधिकारी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री ने खुफिया एजेंसियों को पंजाब से जुड़े मुद्दों की अच्छी जानकारी रखने वाले अधिकारियों की एक टीम बनाने को कहा है कि जिससे कि इन मुद्दों से निपटने के लिए अलग-अलग तरीकों की रूपरेखा तैयार की जा सके। गृह मंत्री ने एनआईए को सलाह दी है कि आतंकवाद-अपराधी गठजोड़ के घरेलू पहलुओं को ध्वस्त करने के लिए एक अनूठा दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए जिसमें अपने नेटवर्क चलाने वाले अपराधियों को देश के अन्य हिस्सों की जेलों में स्थानांतरित करना भी शामिल है।

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