रेलवे के 10 लाख कर्मियों को दिवाली बोनस

 केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले

रेलवे के 10 लाख कर्मियों को दिवाली बोनस

बिहार के लिए 6 हजार करोड़ की परियोजनाएं मंजूर

नई दिल्ली, 24 सितंबर (एजेंसियां)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रेलवे कर्मचारियों के लिए 1,866 करोड़ रुपए के उत्पादकता-आधारित बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दे दी। इससे 10.90 लाख कर्मचारियों को उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए लाभ मिलेगा। यह बोनस उनके 78 दिनों के वेतन के बराबर है। हर साल दुर्गा पूजा/दशहरा की छुट्टियों से पहले पात्र रेल कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान किया जाता है। पिछले साल मोदी सरकार ने रेल कर्मचारियों के लिए 2,029 करोड़ रुपए के बोनस को मंज़ूरी दी थी। इससे 11,72,240 कर्मचारियों को लाभ हुआ था।

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि एक पात्र रेल कर्मचारी को 78 दिनों के लिए अधिकतम देय राशि 17,951 रुपए है। यह राशि कई प्रकार के रेल कर्मचारियों को दी जाएगी। इनमें ट्रैक मेंटेनरलोकोमोटिव पायलटट्रेन मैनेजर (गार्ड)स्टेशन मास्टरसुपरवाइजरतकनीशियनकनीशियन हेल्परपॉइंट्समैनमंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप सी कर्मचारी शामिल हैं। सरकार ने कहावर्ष 2024-25 में रेलवे का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। रेलवे ने रिकॉर्ड 1614.90 मिलियन टन माल ढुलाई की और लगभग 7.3 बिलियन यात्रियों को ढोया। वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने नेशनल शिप बिल्डिंग मिशन को भी मंजूरी दी है।

केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार के बख्तियारपुर-राजगीर और झारखंड के तिलैया के बीच 104 किलोमीटर की रेल दोहरीकरण परियोजना को भी मंजूरी दी है। इस पर करीब 2,192 करोड़ रुपए की लागत आएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार के लिए लगभग छह हजार करोड़ रुपए की योजनाओं को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के जहाज निर्माण और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए 69,725 करोड़ रुपए के व्यापक पैकेज को भी मंजूरी दी। यह मिशन घरेलू क्षमता को मजबूत करनेदीर्घकालिक वित्तपोषण में सुधार करनेग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड शिपयार्ड विकास को बढ़ावा देनेतकनीकी क्षमताओं और कौशल को बढ़ाने तथा मजबूत समुद्री बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कानूनीकराधान और नीतिगत सुधारों को लागू करने के लिए बनाया गया है।

इस पैकेज के तहतजहाज निर्माण वित्तीय सहायता योजना (एसबीएफएएस) को 24,736 करोड़ रुपए की कुल राशि के साथ 31 मार्च 2036 तक बढ़ाया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य भारत में जहाज निर्माण को प्रोत्साहित करना है और इसमें 4,001 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ एक शिपब्रेकिंग क्रेडिट नोट भी शामिल है। सभी पहलों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय जहाज निर्माण मिशन भी स्थापित किया जाएगा। इसके अलावेइस क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण उपलब्ध कराने हेतु 25,000 करोड़ रुपए की राशि के साथ समुद्री विकास कोष (एमडीएफ) को मंजूरी दी गई है। जहाज निर्माण विकास योजना का बजटीय परिव्यय 19,989 करोड़ रुपए है।

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