अमेरिका में घुसकर शेर की तरह दहाड़े जयशंकर

असली लीडरशिप ऐसे होती है...

अमेरिका में घुसकर शेर की तरह दहाड़े जयशंकर

नई दिल्ली, 26 सितंबर (एजेंसियां)। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को कैसे मारा था वो तो पूरी दुनिया ने देखा था। उसी के बाद पूरी दुनिया को ये एहसास हो गया है कि भारत से भिड़ना बहुत मुश्किल है। अब भारत ने एक और बड़ा दांव चल दिया। न्यूयॉर्क की धरती से एक ऐसा बयान आया जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में ऐसा भाषण दिया, जिसने न सिर्फ अमेरिका को आईना दिखाया बल्कि दुनिया को ये समझाया की असली लीडरशिप कैसे होती है। जयशंकर ने अपने भाषण में यूक्रेन युद्ध, गाजा संघर्ष, आर्थिक दबाव, ऊर्जा संकट और आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र की नाकामी पर जमकर निशाना साधा। 

 

सबसे खास बात ये रही कि सारा कुछ जयशंकर ने अमेरिका की धरती पर खड़े होकर कहा। वो भी ऐसे वक्त जब अमेरिका इन सभी मुद्दों में सीधे या परोक्ष रूप से शामिल है। दरअसल, जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक न्यूयॉर्क में हो रही थी। दुनिया के ताकतवर देशों के प्रतिनिधि वहां मौजूद थे। ये बैठक ऐसे समय में हो रही थी जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लगातार जारी है। गाजा में हिंसा ने पूरे मीडिल ईस्ट को हिलाकर रख दिया है। ऊर्जा और खाद्य आपूर्ति पर वैश्विक संकट मंडराया रहा। मंदी और वैश्विक संकट का खतरा दुनिया पर छाया है। ऐसे में सभी की नजरें विदेश मंत्री एस जयशंकर पर थी। भारत जी20 का एक बड़ा और निर्णायक सदस्य है। 

जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि जो देश किसी भी मोर्चे पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, वे समग्र रूप से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बड़ी सेवा करते हैं। अंतरराष्ट्रीय शांति और वैश्विक विकास के बीच संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में दोनों में गिरावट आई है। उन्होंने कहा, विकास के लिए एक निरंतर खतरा आतंकवाद है जो शांति में बाधा डालने वाला है। उन्होंने कहा, यह जरूरी है कि दुनिया आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखाए और न ही उन्हें सहयोग दे। 

जयशंकर ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया संघर्ष, आर्थिक दबाव और आतंकवाद का सामना कर रही है, बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र की सीमाएं स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा, बहुपक्षवाद में सुधार की आवश्यकता पहले कभी इतनी अधिक नहीं थी। उन्होंने कहा कि आज अंतराष्ट्रीय हालात राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टि से अस्थिर है। जयशंकर ने कहा, जी-20 के सदस्य के रूप में हमारी विशेष जिम्मेदारी है कि हम इसकी स्थिरता को मजबूत करें तथा इसे अधिक सकारात्मक दिशा प्रदान करें, जो कि वार्ता और कूटनीति के माध्यम से आतंकवाद का दृढ़तापूर्वक मुकाबला करके तथा मजबूत ऊर्जा एवं आर्थिक सुरक्षा की आवश्यकता को समझकर सर्वोत्तम ढंग से किया जा सकता है।

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