सत्ता छूटने की बदहवासी पीछा नहीं छोड़ रही: सुधांशु
राहुल गांधी के भारत विरोधी बयान पर भाजपा का प्रहार
नई दिल्ली, 03 अक्टूबर (एजेंसियां)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का देशविरोधी रवैया और चरित्र बरकरार है। राहुल गांधी ने दक्षिण अमेरिका में भी भारत के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी जारी रखी। राहुल गांधी ने विदेश की धरती पर कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। राहुल गांधी की मानसिक विकलांगता और बदहवासी दूर होने का नाम ही नहीं ले रही है।
राहुल गांधी की लगातार जारी भारत विरोधी हरकतों पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, पिछले 36 घंटे में देश ने दो प्रकार के दृश्य देखे हैं। एक विगत 100 वर्षों के देश के लिए निरंतर समर्पित राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक उत्थान के लिए अपना प्रतिपल समर्पित करने वाले विश्व के सबसे बड़े संगठन आरएसएस का शताब्दि वर्ष का पूर्ण होना और उस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक ऐसा सिक्का जारी होना जिसमें संभवतः पहली बार भारत के किसी मुद्रा पर मां भारती का चित्र है। इन्हीं 24 घंटे में देश ने दूसरा दृश्य देखा कि 140 वर्ष पुरानी पार्टी, 100 वर्ष से जिस पर एक ही परिवार का वर्चस्व है उस पार्टी के पतन और सत्ता छूटने की बदहवासी ने उनके खानदान के बरखुरदार ने एक और ऐसा बयान दिया है जिसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की विदेशी यात्रा में भारत विरोधी बयान की एक लंबी सूची है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ऐसा पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर भारत विरोधी बयान दिया है। इससे पहले भी वे कई बार भारत विरोधी ऐसे ही बयान दे चुके हैं। 6 मार्च 2023 को लंदन के चैथम हाउस में उन्होंने सवाल किया था कि लोकतंत्र के समर्थक अमेरिका और यूरोप चुप क्यों हैं? इससे बड़ी और क्या बेइज्जती हो सकती है? उन्होंने विदेश की धरती से एक और ऐसा बयान दिया है, जिसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, राहुल गांधी में ऐसी कौन सी प्रतिभा है, जिसके लिए उन्हें विदेश विश्वविद्यालय बुलाते हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एक से एक बुद्धिमान लोग हैं, उन्हें क्यों नहीं बुलाया जाता? कांग्रेस में पी. चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, शशि थरूर, मनीष तिवारी जैसे बुद्धिमान और अपने-अपने विषय में विशेषज्ञ लोग मौजूद हैं। न तो जयराम रमेश और न ही सैम पित्रोदा, जो विदेश में रहते हैं और बुद्धिजीवी माने जाते हैं, उनको कभी नहीं बुलाया जाता। विदेशी विश्वविद्यालय सिर्फ राहुल गांधी को ही क्यों आमंत्रित करते हैं?
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, राहुल गांधी को भारत में किसी भी विश्वविद्यालय में नहीं बुलाया जाता है। यहां तक कि 2004 से 2014 तक जब कांग्रेस केंद्र में सत्ता में थी, तब भी उन्हें नहीं बुलाया गया। सवाल ये है कि भारत के बाहर ही उनको क्यों बुलाया जाता है। यह अपने आप में यक्ष प्रश्न है। उन्होंने इंडी गठबंधन में शामिल पार्टियों की भी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने की मानसिकता इतनी प्रबल हो गई है कि सच्चाई नजर ही नहीं आती। भाजपा नेता ने कहा, जिनकी आंखों में मोदी-ए-बिंदु है, उन्हें देश में हो रहा निर्माण दिखाई नहीं दे रहा है।
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