महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र विभाजन के फैसले के खिलाफ सरकार को कोर्ट का नोटिस
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| उच्च न्यायालय ने सरकार को नोटिस जारी किया है, जो महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र को बेंगलूरु पूर्व और दक्षिण नगर निगमों के बीच विभाजित करने के ग्रेटर बेंगलूरु प्रशासन के फैसले के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार कर रही है| बेंगलूरु बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ए.पी. रंगनाथ ने एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सरकार ने महादेवपुरा को विभाजित करने का एकतरफा फैसला लिया है|
याचिका में, रंगनाथ ने तर्क दिया था कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा बेंगलूरु पूर्व नगर निगम में और एक छोटा हिस्सा दक्षिण नगर निगम में शामिल कर दिया गया है, जो वृहद बेंगलूरु प्रशासन अधिनियम, २०२४ की धारा २६(३) का उल्लंघन है| मतदाताओं, निवासी कल्याण संघों और अन्य कार्यकर्ताओं की आपत्तियों के बावजूद, अंबालीपुर, हरालूर, कैलांद्राहल्ली, कसावनहल्ली, केपीसीएल लेआउट, जुन्नासंद्रा, डोड्डाकोनाली सहित कई गाँवों को पूर्वी और दक्षिणी नगर निगमों के बीच विभाजित करने का एकतरफा निर्णय लिया गया और उन्होंने अदालत से इसमें सुधार का अनुरोध किया| रंगनाथ ने बताया कि याचिका पर सुनवाई करने वाली कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस संबंध में प्रतिवादी के रूप में सरकार को नोटिस जारी किया है|

