भ्रष्टाचार से निपटने में विफल रही कर्नाटक सरकार :रवि कुमार

भ्रष्टाचार से निपटने में विफल रही कर्नाटक सरकार :रवि कुमार

बेंगलुरु 24 अक्टूबर (एजेंसियां)। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एन रविकुमार ने कन्या भ्रूण हत्या, कानून-व्यवस्था की खामियों, किसानों की आत्महत्या और भ्रष्टाचार से निपटने में विफल रहने के लिए कर्नाटक सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद पर चर्चा से पहले इन ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।


श्री रविकुमार ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के गृह जिले मैसूर में सैकड़ों भ्रूण हत्याएं हो रही है फिर भी राज्य सरकार चुप है। उन्होंने कहा कि जब तक नागरिकों की ज़रूरी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक किसी मुख्यमंत्री पद पर चर्चा करना निरर्थक है। उन्होंने अधिकारियों से इन संकटों के समाधान के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया।


उन्होंने कहा कि राज्य को सबसे पहले कन्या भ्रूण हत्या से निपटना चाहिए और इस जघन्य प्रथा पर अंकुश लगाने में विफल रहने के लिए मंत्री दिनेश गुंडू राव को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के गृह ज़िले मैसूर में सैकड़ों अजन्मी बच्चियों की हत्या हो रही है, फिर भी सरकार और मंत्री दिनेश गुंडू राव चुप हैं। इस जघन्य प्रथा को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।"


उन्होंने श्री सिद्धारमैया के ज़िले में महल परिसर के पास खानाबदोश हक्कीपिक्की समुदाय की एक बच्ची के साथ हुए यौन उत्पीड़न और हत्या की घटना पर भी प्रकाश डाला और कहा कि पीड़ित परिवार को आधार कार्ड जैसी बुनियादी सरकारी मदद भी नहीं दी गई है। उन्होंने पूछा,"न्याय कहाँ है? प्रशासन कहाँ है?"

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कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उन्होंने बेंगलुरु को 'गोलियों का शहर' बताया और वहां व्याप्त बलात्कार, हत्या और मादक पदार्थों की तस्करी का हवाला दिया। उन्होंने शहर और आसपास के ज़िलों में बढ़ते अपराधों के बीच गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर और अन्य मंत्रियों की अनुपस्थिति की भी आलोचना की।

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भाजपा नेता ने बड़े पैमाने पर किसानों की आत्महत्या और सरकारी कर्मचारियों की मौत की ओर ध्यान आकर्षित किया तथा बताया कि 2,300 से ज़्यादा किसान एवं कई सरकारी कर्मचारी संकट और वेतन न मिलने के कारण आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने आर्थिक कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार पर भी हमला बोला और 33,000 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान और सरकारी लेन-देन में 60 प्रतिशत कमीशन के आरोपों का जिक्र किया। उन्होंने एआई हब को बेंगलुरु से आंध्र प्रदेश स्थानांतरित करने पर सरकार की आलोचना की और इसे कर्नाटक के हजारों बेरोजगार युवाओं के लिए एक खोया हुआ अवसर बताया।

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