असम सरकार तेवारी आयोग रिपोर्ट के जरिये हिन्दू-मुस्लिमों में फूट डालना चाहती है: सैकिया

असम सरकार तेवारी आयोग रिपोर्ट के जरिये हिन्दू-मुस्लिमों में फूट डालना चाहती है: सैकिया

गुवाहाटी, 24 अक्टूबर (एजेंसियां)। असम मंत्रिमंडल के नवंबर सत्र में तेवारी आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबव्रत सैकिया ने इसे "राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम" बताया है।


श्री सैकिया ने कहा कि नेली नरसंहार के पीड़ितों और उसमें शामिल लोगों ने वर्षों पहले अतीत को भुला दिया है, इसलिए पुराने घाव को फिर से कुरेदने की कोई आवश्यकता नहीं है।


उन्होंने यूनीवार्ता से कहा, "नेली के लोगों ने जो कुछ हुआ उसे स्वीकार कर लिया है। कहा जाता है कि समय सबसे बड़ा मरहम है, और अधिकतर लोग उस घटना को भूल चुके हैं। वर्ष1983 के बाद नेली में कोई साम्प्रदायिक तनाव नहीं हुआ। ऐसे में सरकार इतने वर्षों बाद रिपोर्ट पेश करने की क्या जरूरत महसूस कर रही है, यह समझ से परे है।"

श्री सैकिया ने आरोप लगाया कि हिन्दू-मुस्लिमों में विभाजन कराना असम के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ दल का पसंदीदा विषय है। उन्होंने कहा, "संभवतः मुख्यमंत्री तेवारी आयोग रिपोर्ट का सहारा लेकर एक बार फिर हिन्दू-मुस्लिमों के बीच फूट डालने के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।"

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