मुस्लिमों का नाम आते ही बचाने में लग गई टीएमसी

 सरकारी दबाव पर गैंगरेप को नकारने लगी बंगाल पुलिस

मुस्लिमों का नाम आते ही बचाने में लग गई टीएमसी

सामने आने लगे टीएमसी और पुलिस के विरोधाभासी बयान

दुर्गापुर, 15 अक्टूबर (एजेंसियां)। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल कॉलेज की छात्रा से गैंगरेप के मामले में मुस्लिमों का नाम आते ही सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अभियुक्तों बचाने में लग गई। सामूहिक बलात्कार के सभी आरोपी टीएमसी के सदस्य हैं। सरकारी दबाव पर अब पुलिस भी गैंगरेप की घटना को नकारने में लग गई है। सरकार प्रायोजित छद्म से इस मामले में अजीबोगरीब मोड़ आ गया है। पुलिस ने मंगलवार को पीड़िता के 23 वर्षीय दोस्त वासिफ अली को गिरफ्तार कर लियाजो घटना के वक्त उसके साथ था। सबसे अहम बात यह है कि पश्चिम बंगाल पुलिस अब कह रही है कि यह गैंगरेप नहीं बल्कि एक ही व्यक्ति द्वारा रेप का मामला हो सकता है। जबकि प्रथम द्रष्टया यह साफ हो चुका है कि 10 अक्टूबर की शाम को पांच लोगों ने उसे सुनसान इलाके में घसीटकर उसके साथ गैंगरेप किया था।

पुलिस ने पांचों आरोपियों आपू बाउरीशेख फिरदौसशेख रियाजुद्दीनशेख नासिरुद्दीन और शेख शफीकुल को गिरफ्तार कर लिया था। ये सभी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसीसे जुड़े हुए हैं। अब ममता सरकार बलात्कारियों को बचाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है। वासिफ से पुलिस यह जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है कि वह युवती के साथ था तो उसे छोड़ कर कहां गायब हो गया था। इस मामले को लव-जेहाद के एंगल से देखा जा रहा था। लेकिन अचानक पुलिस ने अपना सुर बदल दिया। अब पुलिस कह रही है कि यह मामला गैंगरेप का नहीं है। इसमें केवल एक ही व्यक्ति के शामिल होने की आशंका है। अगर इस मामले में एक व्यक्ति ही लिप्त है तो युवती के दोस्त आसिफ की क्या भूमिका थीइस सवाल पर पुलिस की संदेहास्पद चुप्पी है। सीसीटीवी फुटेज में भी घालमेल करने की कोशिशें की जा रही हैं।

आसनसोल-दुर्गापुर के पुलिस कमिश्नर सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि पीड़िता का दोस्त वासिफ अली संदिग्ध है और अब तक मिले सबूत बताते हैं कि इसमें केवल एक व्यक्ति शामिल थाकई नहीं थे। उन्होंने बताया कि बाकी पांच गिरफ्तार लोगों की भूमिका की जांच अब भी जारी है लेकिन फिलहाल के मेडिकल और फॉरेंसिक रिपोर्ट्स बताती हैं कि गैंगरेप नहीं हुआ था। पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा कि घटना वाली रात पीड़िता और उसके दोस्त द्वारा पहने गए कपड़े जब्त कर लिए गए हैं और सभी आरोपियों का डीएनए टेस्ट किया जाएगा। कमिश्नर चौधरी ने कहाहमने पीड़िता और उसके दोस्त के अलावा उस रात मौजूद सभी पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। हमने उनके कपड़े जब्त कर लिए हैं और मौके का निरीक्षण पीड़िता के दोस्त के साथ किया गया है। अब तक मिले सबूतों और बयानों के आधार पर यह साफ है कि केवल एक व्यक्ति ने रेप किया थाबाकी की भूमिका जांच में है। फिर उन्होंने यह भी कहा कि जांच जारी है और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी। पीड़िता के दोस्त से भी पूछताछ की जा रही है और उसकी भूमिका भी जल्द सामने आ जाएगी।

पीड़िता के पिता ने 11 अक्टूबर को मामले की शिकायत दर्ज कराई थी और उन्होंने अपने बयान में बेटी के सहपाठी को भी संदिग्ध बताया था। उन्होंने कहा थामुझे यकीन है कि मेरी बेटी के दोस्त का इसमें कोई न कोई हाथ है। वही उसे बाहर ले गया था। यह सब पहले से प्लान किया गया हो सकता है। परिवार का कहना है कि लड़की बाहर नहीं जाना चाहती थी लेकिन आसिफ ने उसे डिनर पर चलने के लिए राजी किया था।

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सामूहिक बलात्कार के इस मामले में मुस्लिमों की लिप्तता सामने आते ही ममता सरकार तुरंत संरक्षण की भूमिका में आ गई। पुलिस की जांच पूरी हुए बिना ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसीने पीड़िता पर ही झूठ बोलने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। जबकि पुलिस ने सिर्फ इतना कहा था कि यह शायद गैंगरेप नहीं बल्कि एक शख्स द्वारा रेप का मामला हो सकता है। टीएमसी के प्रदेश महासचिव नीलांजन दास ने दावा किया कि लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड आसिफ अली को बचाने के लिए गैंगरेप की कहानी गढ़ी। उन्होंने कहाप्रेमी आसिफ अली को स्थानीय लुटेरों से बचाने के लिए गैंगरेप की कहानी गढ़ी गई थी।

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नीलांजन दास ने दावा किया कि लड़की अपने बॉयफ्रेंड के साथ जंगल में शारीरिक संबंध बनाने गई थी। इसमें कहा गया है कि उसी दौरान कुछ नशे में धुत लोग उन्हें नग्न अवस्था में देख लेते हैं और लूटपाट करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि लड़की ने फोन वापस पाने के लिए झूठा गैंगरेप केस दर्ज कराया। जबकि पुलिस ने पांच स्थानीय लोगों शेख शफीकुल (30), शेख नासिरुद्दीन (23), आपू बाउरी (21), फिर्दोस शेख (23) और शेख रियाजुद्दीन (31) को फोन कॉल रिकॉर्ड और सबूतों के आधार पर पकड़ा था। यह मामला अब पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा की राजनीति में विवाद का मुद्दा बन गया है। पीड़िता ओड़ीशा की रहने वाली है। ओड़ीशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने पीड़िता के पिता से बात की और हर तरह की कानूनी मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहादोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

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