लज्जा छोड़, मज्जा ले रहे वंशवादी उत्पाद!
बिहार में भी बदबू फैला रहा राजनीतिक वंशवाद
पटना, 23 अक्टूबर (एजेंसियां)। बिहार में भी राजनीतिक-वंशवाद फल-फूल रहा है और बदबू फैला रहा है। वंशवादी नेताओं की जमात सारा शर्म त्याग कर केवल लोभ-लाभ-लिप्सा का भोग कर रही है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में वंशवादी नेताओं का ही दबदबा रहा। इनमें वंशवादी नेताओं की संख्या 70 यानि 28.81 प्रतिशत थी, जो कुल संख्या का एक-चौथाई से भी ज्यादा है। अब नए विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद वह विधानसभा निवर्तमान हो गई।
इसमें लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के 71 में से 30 विधायक वंशवादी उत्पाद हैं। अर्थात, आरजेडी के कुल 42.25 प्रतिशत विधायक वंशवादी प्रोडक्ट हैं। जदयू के 44 विधायक हैं, जिसमे से 16 वंशवादी प्रोडक्ट हैं। यानि जदयू के 36.36 प्रतिशत विधायक वंशवादी उपज हैं। भाजपा के 80 में से 17 विधायक यानि 21.25 प्रतिशत विधायक वंशवाद के उत्पाद हैं। निवर्तमान विधानसभा में कांग्रेस के 17 विधायकों में से चार वंशवाद की पैदाइश वाले विधायक हैं।
बिहार के 23 मुख्यमंत्रियों में से कम से कम सात की विरासत निवर्तमान विधानसभा में उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों द्वारा आगे बढ़ाई गई है। इनमें लालू प्रसाद-राबड़ी देवी के बेटे, तेजस्वी यादव (नेता प्रतिपक्ष, पूर्व उपमुख्यमंत्री) और तेज प्रताप यादव (पूर्व मंत्री) और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी शामिल हैं। इस सूची में भाजपा के दो मंत्री नीतीश मिश्रा और अमरेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हैं, जो क्रमशः पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों जगन्नाथ मिश्रा और हरिहर सिंह के पुत्र हैं।
निवर्तमान विधानसभा के वंशवाद की सूची में जदयू-भाजपा राज्य सरकार के सात अन्य मंत्री हैं। इनमें विजय कुमार चौधरी (जदयू), नितिन नवीन (भाजपा), महेश्वर हजारी (जदयू), शीला कुमारी (जदयू), सुमित कुमार सिंह (जदयू), सुनील कुमार (जदयू) और जयंत राज (जदयू) शामिल हैं। इन नेताओं में करीब 57 विधायक दूसरी पीढ़ी के हैं और तीन विधायक तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। तीसरी पीढ़ी के वंशवादी नेता भी विधानसभा में हैं। जदयू के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह के पिता और दादा विधायक और मंत्री थे। सुदर्शन कुमार जदयू के विधायक हैं और उनके माता-पिता और दादा विधायक थे। आरजेडी के यूसुफ सलाहुद्दीन के पिता महबूब अली कैसर सांसद थे और दादा चौधरी सलाहुद्दीन मंत्री थे। सिर्फ़ विधानसभा ही नहीं विधान परिषद में भी वंशवाद का बोलबाला है, जहां राबड़ी देवी सहित कुल 12 प्रतिनिधि हैं।
उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी, शकुनि चौधरी के पुत्र हैं, जो समता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन मंत्री हैं। अन्य विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के पुत्र राजवर्धन आजाद और जदयू के मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं, जो पूर्व मंत्री महावीर चौधरी के पुत्र हैं।
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