अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाएगी महायोजना-2031 : योगी
भव्यता, आस्था और आधुनिकता का संगम बने अयोध्या — मुख्यमंत्री की उच्चस्तरीय बैठक में निर्देश
लखनऊ, 28 अक्टूबर (संवाददाता)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर अयोध्या महायोजना-2031 की समीक्षा करते हुए कहा कि अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता का समन्वित रूप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महायोजना का लक्ष्य अयोध्या को सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्यों में अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि “अयोध्या केवल एक शहर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। इसे ऐसी नगरी के रूप में विकसित किया जाए, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का संगम बने।”
बैठक में बताया गया कि अयोध्या महायोजना-2031 के तहत शहर को 18 जोनों में विभाजित किया गया है ताकि भूमि उपयोग का संतुलन सुनिश्चित किया जा सके। योजना में 23.94 लाख की अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए 52.56 प्रतिशत भूमि आवासीय, 5.11 प्रतिशत वाणिज्यिक, 4.65 प्रतिशत औद्योगिक, 10.28 प्रतिशत सार्वजनिक उपयोग, 12.20 प्रतिशत परिवहन एवं 14.31 प्रतिशत हरित और खुले क्षेत्र के लिए नियोजित की गई है।
मुख्यमंत्री ने मिश्रित एवं औद्योगिक भूमि उपयोग बढ़ाने और पंचकोसी व 14 कोसी परिक्रमा मार्गों पर विविध धार्मिक-पर्यटन गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि अयोध्या की मौजूदा जनसंख्या लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। महायोजना में नए आवासीय टाउनशिप, बहुस्तरीय पार्किंग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस मार्ग, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेम्पल म्यूजियम और सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी सुविधाओं का विकास प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “इन परियोजनाओं से अयोध्या स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर नगरी बनेगी।” वर्तमान में अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें 8,594 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ, प्रयागराज, गोण्डा और अम्बेडकर नगर मार्गों की दिशा में बस व ट्रक अड्डों सहित पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भूमि आरक्षित करने तथा स्वदेशी नवाचार मॉडल अपनाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि अयोध्या का विकास केवल धार्मिक या पर्यटन नहीं बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी प्रेरक उदाहरण बने। उन्होंने सरयू नदी के तटों और हरित पट्टियों के संरक्षण पर विशेष बल देते हुए कहा कि “हर परियोजना पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल हो।”
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