फैक्ट्री में बच्चों से बर्बरता से कराया जा रहा था काम

दुष्ट फैक्ट्री मालिक से छुप कर भागे सात बच्चे बरामद

फैक्ट्री में बच्चों से बर्बरता से कराया जा रहा था काम

जयपुर28 अक्टूबर (एजेंसियां)। जयपुर के भट्टा बस्ती इलाके से मानवता को शर्मसार कर देने वाला सामने आया है। इंसान के जुल्मों से तंग आकर बिहार के सात बच्चे डरे-सहमे एक कब्रिस्तान में छिपे हुए मिले। बच्चों ने पुलिस को बताया कि उन्हें भूतों से नहींबल्कि इंसानों से डर लगता है। शमशाद मियां जो झूठ बोलकर दो महीने पहले बिहार के सात बच्चों को घुमाने के बहाने जयपुर लाया था। उसकी तलाश जारी है। सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो गई है। यूजर्स ने बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करने वाले दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।

शमशाद मियां नाम का एक शख्स इन बच्चों को घुमाने के बहाने बिहार के एक गांव से जयपुर लाया और भट्टा बस्ती क्षेत्र स्थित चूड़ी फैक्ट्री में काम पर लगा दिया। इस दौरान बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। उनसे 18 से 20 घंटे तक काम करवाया जाता। उन्हें दिन में सिर्फ एक बार खाना दिया जाता और अगर वे बीमार पड़ जाते थे तो उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी। भूख और डर से बेहाल बच्चे बीमार पड़ने लगे। आखिरकार दिवाली की रात (20 अक्टूबर) वे सभी हिम्मत करके फैक्ट्री से भाग निकलेलेकिन भट्टा बस्ती की तंग गलियों में खो गए और इंसानों के जुल्मों से तंग आकर कब्रिस्तान में पहुंच गएजहां उन्होंने कब्रों के पीछे छिपकर पूरी रात बिताई। जब स्थानीय लोगों ने बच्चों को कब्रिस्तान में देखा तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर भट्टा बस्ती पुलिस और बाल कल्याण समिति की एक टीम मौके पर पहुंची।

पुलिस की शुरुआती जांच में फैक्ट्री में अन्य राज्यों से भी बच्चों को धोखे से लाकर मजदूरी कराई जाने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि बच्चों को बाल सुधार समिति के समक्ष पेश कर बाल सुधार गृह भेजा गया है। परिजनों को सूचना दे दी गई है। पुलिस ने बताया कि भट्टा बस्ती पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर टीम ने बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बच्चों को खानानए कपड़े और मेडिकल सहायता दी गई। बच्चे इतने डरे-सहमे थे कि इंसानों से बात करने से भी डर रहे थे। बच्चों ने पुलिस को बताया कि उन्हें भूतों से नहींइंसानों से डर लगता है।

जिस उम्र में बच्चों को खेलना और पढ़ना चाहिएउस उम्र में इन मासूमों से जयपुर की चूड़ी फैक्ट्री में मुश्किल हालात दिन में 18 से 20 घंटे काम करवाया जाता था और बदले में उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता था। कई बार उन्हें पूरा दिन खाने को भी नहीं दिया जाता था। बीमार होने पर उन्हें पीटा जाता था। जांच में सामने आया है कि इन बच्चों को चूड़ी बनाने के कारखाने में कैद रखा जाता था। बीते दो-तीन महीने से उन्हें कैद करके रखा गया था और बाहर तक नहीं निकलने दिया जा रहा था। बच्चों को जब यह कैद असहनीय हो गईतो उन्होंने भागने का फैसला किया। पुलिस के अनुसार20 अक्टूबर को दीपावली वाले दिन बच्चे मौका मिलते ही वहां से भाग निकले। रास्ता भटकने के बाद डर के मारे सभी बच्चे भट्टा बस्ती इलाके के एक कब्रिस्तान में जाकर छिप गए। भट्टा बस्ती थानाधिकारी दीपक त्यागी ने मीडिया को बतायाहमें 20 अक्टूबर को सुबह 8-9 बजे पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी। जब हम कब्रिस्तान पहुंचेतो बच्चे बुरी हालत में मिले। शुरू में बच्चे काफी डरे हुए थे और बात करने को तैयार नहीं थे। कुछ देर बाद बच्चों ने बताया कि उन्हें शमशाद मियां नाम का व्यक्ति गांव से लाया थाजिसने यहां कैद कर चूड़ी बनाने का काम करवाया और रोज मारपीट करता था।

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दीपक त्यागी ने पुष्टि की कि आरोपी शमशाद मियां के खिलाफ तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस की टीम जब उसके घर दबिश देने पहुंचीतो आरोपी वहां ताला लगाकर मौके से फरार हो चुका था। पुलिस को संदेह है कि आरोपी के कारखाने में और भी कई बाल मजदूर हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस की टीमें फरार आरोपी की तलाश में जुटी हैं।

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