किसी भी समय युद्ध के लिए तैयार रहें

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को किया आगाह

 किसी भी समय युद्ध के लिए तैयार रहें

यह आत्म-मंथन करने का भी वक्त है

स्वदेशी हथियारों ने दिखा दिया कमाल

नई दिल्ली28 अक्टूबर (एजेंसियां)। देश की रक्षा को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं ने दिखा दिया है कि भारत को किसी भी वक्त सीमा पर युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार रहना पड़ेगा। इसके लिए घरेलू हथियार और तकनीक ही आधार बननी चाहिए। उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं से बातचीत में जोर दिया कि स्वदेशी सिस्टम्स ने हाल के संघर्ष में कमाल दिखाया हैजैसे ब्रह्मोस मिसाइलआकाश सरफेस-टू-एयर मिसाइल और आकाशतीर एयर डिफेंस कंट्रोल सिस्टम।

यह न सिर्फ देश की सुरक्षा मजबूत कर रहे हैंबल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि सुधार रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें सिर्फ असेंबली या इंटीग्रेशन पर नहीं रुकना चाहिएबल्कि असली तकनीक खुद विकसित करनी होगी। ये तैयारी भारत को मजबूत बनाएगी और वैश्विक पटल पर उसकी पोजीशन को और ऊंचा उठाएगी। रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कियाजो हाल की घटनाओं का एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि ये ऑपरेशन एक केस स्टडी की तरह काम कर सकता हैजहां से हम सबक लें और आगे का रास्ता तय करें। ऑपरेशन सिंदूर से एक बार फिर पता चला कि सीमाओं पर कभी भीकहीं भी कुछ भी हो सकता है। हमें युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार रहना होगाऔर ये तैयारी हमारे अपने आधार पर होनी चाहिए। रक्षा मंत्री सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैनुफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि सेना पूरी तरह तैयार थी। राजनाथ ने कहाइसके साथ ही यह वक्त आत्ममंथन करने का भी है। हमें स्वदेशीकरण की राह पर और आगे बढ़ना होगा। हाल के संघर्ष में इस्तेमाल हुए भारतीय हथियारों ने न सिर्फ काम कियाबल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भारत की इमेज को चमकाया। ब्रह्मोस जैसी मिसाइल ने दुश्मन को करारा जवाब दियाआकाश मिसाइल ने हवाई खतरे को रोकाऔर आकाशतीर सिस्टम ने एयर डिफेंस को और सशक्त बनाया। ये सिस्टम्स पूरी तरह भारतीय हैंजो घरेलू उद्योगों की ताकत दिखाते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहाभारत को विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करनी होगी। हमें अपनी तकनीक खुद विकसित करनी हैन कि सिर्फ पार्ट्स जोड़ने या असेंबल करने तक सीमित रहना है। उद्योग नेताओं से बात करते हुए उन्होंने बताया कि हाल की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि स्वदेशी हथियार कितने कारगर हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर ऑपरेशन सिंदूर में इनके इस्तेमाल से न सिर्फ मिशन सफल हुआबल्कि दुनिया को भारत की क्षमता का अहसास भी हुआ। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि सीमाओं पर अनिश्चितता हमेशा बनी रहती है। इसलिएसेना को हर संभावना के लिए तैयार रखना जरूरी है। लेकिन ये तैयारी आयातित सामान पर नहींबल्कि घरेलू उत्पादन पर टिकी होनी चाहिए। ब्रह्मोसजो भारत-रूस का जॉइंट वेंचर है लेकिन अब काफी हद तक स्वदेशीने दिखाया कि हमारी मिसाइल टेक्नोलॉजी विश्वस्तरीय है। डीआरडीओ द्वारा विकसित एवं निर्मित आकाश मिसाइल ने कमाल दिखाया। उसने हवाई हमलों को नाकाम किया और आकाशतीर सिस्टम ने रीयल-टाइम कंट्रोल में मदद की। इन सबने मिलकर साबित किया कि भारतीय इंजीनियर्स और फैक्ट्रियां अब बड़े गेम में हैं।

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