सनातन संस्कृति और परंपरा से राहुल का क्या लेना-देना?
मुंगेर की जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा
          ननिहाल इटली में है, उन्हें छठ महापर्व का महत्व नहीं पता
छठ महापर्व के अपमान पर राहुल के खिलाफ मुकदमा
मुंगेर, 30 अक्टूबर (एजेंसियां)। मुंगेर के असरगंज में तारापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और महाराष्ट्र में छठ महापर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। माताओं और बहनों ने श्रद्धा के साथ छठ मैया की पूजा-अर्चना की। दिल्ली में भी बिहारवासियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। छठ पूजा के बाद बिहार पहुंचे राहुल गांधी ने छठी मैया का अपमान किया। राहुल गांधी को देश की सनातन संस्कृति और परंपरा से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी ननिहाल इटली में है, इसलिए उन्हें इस महापर्व का महत्व नहीं मालूम। अब वे प्रधानमंत्री के बाद छठी मैया का भी अपमान कर रहे हैं। छठ पर्व और पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में राहुल गांधी के खिलाफ मुजफ्फरपुर में मुकदमा भी दर्ज हो गया है।
अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री का जितना अपमान करोगे, उतना कमल खिलेगा। उन्होंने कहा, छठी मईया और उनके भक्तों का अपमान करने की राहुल गांधी को कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके पहले भी राहुल गांधी ने पीएम मोदी के बारे में अपमानजनक तरीके से बात की थी और उनकी मां का अपमान किया था, लेकिन जब भी उन्होंने ऐसा किया है, हर बार कीचड़ से कमल खिला। अमित शाह ने राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग नए कपड़े में नया जंगलराज लेकर आना चाहते हैं। जबकि एनडीए देश के विकास में सतत प्रयासरत है। एनडीए सरकार तारापुर को विकास का कॉरिडोर बनाएगी। तारापुर में शहीद दिवस को राजकीय दर्जा दिया गया है और यह समारोह अब राजकीय कार्यक्रम के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि सम्राट चौधरी को जिताकर पटना भेजें, ताकि उन्हें और बड़ा अवसर मिल सके। अमित शाह ने याद दिलाया कि लालू-राबड़ी शासनकाल में 11 नरसंहार हुए, अपहरण और डकैती चरम पर थे, जबकि नीतीश कुमार के शासन में ऐसा कोई नरसंहार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आज बिहार में कानून का राज है। अमित शाह ने यह भी कहा कि मुंगेर की धरती प्रभु श्रीराम और माता सीता से जुड़ी हुई है, इसलिए इसे रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगा।
मुंगेर जिले के तारापुर अनुमंडल क्षेत्र के असरगंज प्रखंड स्थित जलालाबाद रहमतपुर खेल मैदान में गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी सभा आयोजित की जानी थी। यह सभा तारापुर विधानसभा क्षेत्र के एनडीए प्रत्याशी सम्राट चौधरी के समर्थन में निर्धारित थी। हालांकि, लगातार दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण बुधवार शाम तक सभा स्थल की तैयारी पूरी नहीं हो सकी थी। गुरुवार सुबह से ही कर्मी मंच और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटे रहे। इसी बीच, दर्शक दीर्घा के लिए लाई गई कुर्सियां जब मैदान में पहुंचीं, तो कार्यक्रम स्थल पर मौजूद महिलाओं ने स्वयं ही ट्रक से कुर्सियां उतार कर सभा स्थल तक पहुंचाईं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को मुजफ्फरपुर के सकरा में तेजस्वी यादव के साथ की जनसभा में पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान दिया। राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी को छठ पूजा से कोई लेना देना नहीं है, उन्हें सिर्फ आपका वोट चाहिए। आप उन्हें स्टेज पर आकर डांस करने के लिए कहेंगे तो वे डांस कर देंगे। पीएम मोदी पर राहुल गांधी के ऐसे ओछे बयान को बिहार में काफी नाराजगी है। बिहार के लोग कह रहे हैं कि राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा ओछा बयान देना अनुचित है। लोगों का कहना है कि राहुल गांधी पीएम का नाम लेकर छठ महापर्व का अपमान कर रहे हैं।
राहुल गांधी के ओछे बयान पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि वोट के लिए महागठबंधन के लोग कुछ भी कर सकते हैं। वे निजी हमले कर सकते हैं, किसी की माता जी पर कमेंट कर सकते हैं। लोगों को धोखा देकर वोट हासिल करना उनका लक्ष्य है। झारखंड के वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राहुल गांधी के पास कोई काम नहीं है, वह पिछले 11 साल से बेरोजगार हैं। जब इनके पास कहने को कुछ नहीं होता है तो पीएम के नाम पर कुछ भी बोलते हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ मुजफ्फरपुर जिले की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में एक परिवाद दायर किया गया है। यह मामला राहुल गांधी द्वारा छठ पर्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा है। अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बुधवार को अदालत में परिवाद दायर किया। अदालत ने मामले को स्वीकार करते हुए 11 नवंबर 2025 को सुनवाई की तिथि तय की है। अधिवक्ता ओझा ने बताया कि राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव के तहत मुजफ्फरपुर में हुई एक जनसभा के दौरान छठ पर्व जो हिंदू आस्था से जुड़ा प्रमुख पर्व है, उसके संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर भी अमर्यादित बयान दिया, जिससे लोगों की धार्मिक भावना आहत हुई है।
परिवाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धाराओं 298, 356(2), 352 और 353 के तहत दाखिल किया गया है। ओझा ने कहा, छठ हमारी आस्था का पर्व है, उस पर गलत बयानबाजी और प्रधानमंत्री के प्रति अनुचित टिप्पणी को लेकर हमने न्यायालय की शरण ली है। कोर्ट ने मामले को स्वीकार करते हुए 11 नवंबर को सुनवाई की तिथि तय कर दी है।
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