अमेरिका और अबू धाबी से कच्चा तेल खरीदने लगीं भारतीय कंपनियां
रूसी तेल कंपनियों पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों का बुरा असर
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (एजेंसियां)। रूस की तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत की सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने अब अमेरिका और अबू धाबी से कच्चा तेल खरीदना शुरू कर दिया है। इंडियन ऑयल और एमआरपीएल ने नए अनुबंध किए हैं। देश की सरकारी रिफाइनरी कंपनियां अब रूस के बजाय अमेरिका और अबू धाबी से कच्चा तेल खरीदने पर जो दे रही हैं। इंडियन ऑयल अमेरिका से और तेल की मांग कर रही है। मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स (एमआरपीएल) ने भी अबू धाबी से कच्चा तेल खरीदा है। पिछले हफ्ते अमेरिका ने रूस के दो शीर्ष उत्पादकों पर प्रतिबंध दिया था। इससे कई घरेलू कंपनियों ने रूसी तेल के लिए नए ऑर्डर रोक दिए हैं।
घरेलू सरकारी कंपनियां अब रूस के बजाय और कुछ विकल्प के लिए हाजिर बाजार का रूख कर रही हैं। एमआरपीएल ने दिसंबर में रूसी आपूर्ति की भरपाई के लिए एक निविदा के जरिये ग्लेनकोर से 20 लाख बैरल अबू धाबी मुरबन क्रूड खरीदा है। रिफाइनर हर महीने हाजिर बाजारों का इस्तेमाल करेगी और अपने स्थायी आपूर्तिकर्ताओं से अतिरिक्त आपूर्ति की मांग करेगी। प्रतिबंधों के जोखिम से बचने के लिए रूस से तेल आयात करने से कंपनियां परहेज कर रही हैं।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन-मित्तल एनर्जी ने कहा, उसने भी रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने 2026 की पहली तिमाही के लिए अमेरिका से 2.4 करोड़ बैरल तेल के लिए प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की हैं। इस निविदा में कम सल्फर और उच्च सल्फर दोनों प्रकार के कच्चे तेल के कार्गो की मांग की गई है। इंडियन ऑयल बाजार का आकलन करने और अमेरिका से तेल खरीदने की स्थिति में विक्रेताओं का चयन करने पर विचार कर रही है। निविदा शुक्रवार को बंद हो जाएगी। इंडियन ऑयल ने बुधवार को एक निविदा के जरिए एक्सॉन मोबिल से 20 लाख बैरल पश्चिम अफ्रीकी कच्चा तेल खरीदा। यह खरीद दिसंबर डिलीवरी के लिए अंगोला से मोंडो और नाइजीरिया से उटापेट के लिए थी। इस निविदा में और भी प्रस्ताव मिले थे, लेकिन ऊंची कीमतों के कारण उन्हें केवल 20 लाख बैरल ही मिले। व्यापारी रिलायंस इंडस्ट्रीज की आगे की मांग पर भी नजर रख रहे हैं, जो भारत का सबसे बड़ा रूसी तेल खरीदार रही है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल की खरीद में उल्लेखनीय कमी की है। उन्होंने कहा कि इस मोर्चे पर भारत बहुत अच्छा कर रहा है। ट्रंप ने यह टिप्पणी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में की थी। ट्रंप ने एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से कहा, चीन के तेल खरीदने के मामले में हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। वह लंबे समय से रूस से तेल खरीद रहा है। यह उसकी बड़ी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है, लेकिन मैं कह सकता हूं कि भारत इस मोर्चे पर बहुत अच्छा कर रहा है। हमने तेल पर विस्तार से चर्चा नहीं की, बल्कि इस बात पर बात की कि क्या हम मिलकर युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कुछ कर सकते हैं।
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