सरकार ने बचाए चार लाख करोड़ रुपए

सरकार ने बचाए चार लाख करोड़ रुपए

नई दिल्ली, 06 नवंबर (एजेंसियां)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत की है। उन्होंने कहा, पिछले दशक में 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया। सरकार प्रौद्योगिकी आधारित विकास पर जोर दे रही है। डेटा की लागत 2014 में 300 रुपए प्रति जीबी से घटकर 10 रुपए प्रति जीबी हो गई है। वित्त मंत्री ने यह माना कि वैश्विक मूल्य श्रृंखला विघटनकारी दौर से गुजर रही है। ऐसे में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर सरकार का मुख्य ध्यान है। पिछले कुछ वर्षों में पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 से कारोबार को आसान बनाने के लिए अनगिनत क्रांतिकारी सुधार किए गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय स्टेट बैंक के एक कार्यक्रम में यह बात कही है। वित्त मंत्री ने एसबीआई के कहा कि वैश्विक चुनौतियां प्रमुख होती जा रही हैं और वैश्विक संस्थाएं कमजोर पड़ रही हैं।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि देश को बड़े और विश्वस्तरीय बैंकों की जरूरत है। इस बारे में रिजर्व बैंक और दूसरे बैंकों से बातचीत चल रही है। 12वें एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2025 में बोलते हुए सीतारमण ने ऋणदाताओं से उद्योग के लिए ऋण प्रवाह को गहरा और व्यापक बनाने के लिए कहा। वित्त मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा कि जीएसटी दर में कटौती से बढ़ी मांग एक बेहतर निवेश का सिलसिला शुरू करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को बड़ी संख्या में विश्व स्तरीय बैंकों की जरूरत है। सरकार इस पर विचार कर रही है और काम शुरू हो चुका है। हम आरबीआई के साथ चर्चा कर रहे हैं। हम बैंकों के साथ चर्चा कर रहे हैं। निजीकरण की प्रक्रिया के तहत सरकार ने जनवरी 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी 51 प्रतिशत नियंत्रणकारी हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को बेच दी थी।

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