महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में वोटर फ्रॉड हुआ है
चुनाव आयोग बिना जांच किए गैरजिम्मेदाराना जवाब दे रहा: सीएम सिद्धरामैया
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में वोटर फ्रॉड हुआ है| अब ये बिहार में भी हो रहा है| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने आरोप लगाया कि इन सबके बावजूद चुनाव आयोग बिना जांच किए गैरजिम्मेदाराना जवाब दे रहा है|
पार्टी कार्यालय में मतदान में धांधली के खिलाफ चल रहे हस्ताक्षर संग्रह अभियान को लेकर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के अधीन काम कर रहा है| प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी स्वतंत्र संस्थाओं को नष्ट कर रहे हैं| सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी समेत जांच एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए| लेकिन इन्हें केंद्र सरकार अपने पिछलग्गू के तौर पर काम कर रही है| उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है| यह साबित हो गया है कि भाजपा सिर्फ झूठ ही नहीं बल्कि वोट चुराने में भी माहिर है| हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते|
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए हम संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे| यह स्पष्ट रूप से ज्ञात है कि भाजपा कई विधानसभा और लोकसभा चुनावों में वोटों की हेराफेरी के माध्यम से सत्ता में आई है| लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बताया कि लगातार अध्ययन और निरीक्षण के बाद उन्होंने रिकॉर्ड के साथ देश की जनता को मतदाता धोखाधड़ी के बारे में आश्वस्त किया है| संविधान के बाहर सत्ता हथियाना संविधान के साथ विश्वासघात है| लोकतंत्र के साथ धोखा| राहुल गांधी ने बेंगलूरु सेंट्रल लोकसभा चुनाव में वोटों की धांधली को स्पष्ट रिकॉर्ड के साथ सामने ला दिया है और दस्तावेज देश की जनता के सामने रख दिए हैं| इसके बावजूद चुनाव आयोग न तो हमारे उठाए सवालों का जवाब दे रहा है और न ही देश की जनता के सामने रखे गए दस्तावेजों का जवाब दे रहा है| अम्बेडकर ने संविधान में चुनाव आयोग को एक स्वतंत्र संस्था का दर्जा दिया| अम्बेडकर का स्पष्ट मत था कि किसी को भी सरकारी चुनाव प्रक्रिया में अपनी नाक नहीं घुसानी चाहिए|
हमारे संविधान ने उसके लिए एक स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव प्रणाली बनाई है| उन्होंने कहा कि अगर संविधान के मूल्य को संरक्षित करना है तो यह सुनिश्चित करना सभी दलों की जिम्मेदारी है कि स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया हो| संविधान, लोकतंत्र और स्वतंत्र जांच एजेंसियों को बचाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चल रहा है| 1.20 करोड़ हस्ताक्षर पहले ही एकत्र किये जा चुके हैं| हस्ताक्षरों का संग्रह 10 नवंबर तक होगा, उसके बाद हस्ताक्षरों का संग्रह देश के राष्ट्रपति और केंद्रीय चुनाव आयोग को नहीं भेजा जा सकेगा| उन्होंने कहा कि यह संघर्ष जारी रहेगा| लोकतांत्रिक व्यवस्था में हस्ताक्षर संग्रह एक अच्छा विकास है| मुख्यमंत्री ने विधायकों, मंत्रियों और सांसदों को शेष तीन दिनों में और अधिक हस्ताक्षर लेने का निर्देश दिया| उन्होंने कहा कि पांच साल से कम का शासनादेश स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए| केपीसीसी अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मंत्री सतीश जारकीहोली, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जीसी चंद्रशेखर, सलीम अहमद, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मंजूनाथ उपस्थित थे|

