समाज कल्याण विभाग के चार भ्रष्ट अफसर बर्खास्त
सरकारी गलियारे में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ सार्थक पहल
तीन रिटायर्ड भ्रष्ट अफसरों की पेंशन से कटेगी घोटाले की रकम
लखनऊ, 10 नवंबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप में चार जिला समाज कल्याण अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भी बर्खास्तगी को औपचारिक मंजूरी दे दी है। इसमें से कुछ मामले डेढ़ दशक से दबे हुए थे। भ्रष्टाचार के आरोपी अन्य तीन सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों की पेंशन से घोटाले की रकम काटी जाएगी। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने सभी मामलों में एफआईआर कराने के निर्देश भी दे दिए हैं।
इन सभी अधिकारियों के खिलाफ जांच समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की निगरानी में हुई। बर्खास्त होने वाले अधिकारियों में श्रावस्ती की तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव, मथुरा के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी, हापुड़ के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी संजय कुमार ब्यास और शाहजहांपुर के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार शामिल हैं। मीना श्रीवास्तव वर्तमान में भदोही में तैनात थीं, जबकि एसके ब्यास, राजेश कुमार और करुणेश त्रिपाठी निलंबित चल रहे थे और मुख्यालय से संबद्ध थे।
मीना श्रीवास्तव मार्च 2008 से अप्रैल 2012 तक श्रावस्ती में जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात रहीं थी। तैनाती के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों को बिना सक्षम स्तर से स्वीकृत कराए डाटा फीडिंग कराई। शादी बीमारी योजना में लाभार्थियों की स्वीकृत सूची में उनके खाता संख्या में हेरफेर हुई। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि को हड़पने में भी उनकी संलिप्तता मिली।
इसी तरह से मथुरा के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी ने वहां तैनाती के दौरान निजी प्राइवेट आईटीआई संस्थानों को अनियमित तरीके से छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान कर गंभीर वित्तीय अनियमितता की। 11 मान्यताविहीन संस्थानों को 2.53 करोड़ की राशि का भुगतान छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में किया गया। निजी आईटीआई में 2 वर्ष आयु के बच्चों से लेकर 51 वर्ष तक की आयु वाले व्यक्तियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिला कर धनराशि हड़पी गई। बर्खास्तगी के साथ ही उनसे 19.25 करोड़ रुपए की वसूली के निर्देश भी दिए गए हैं।
हापुड़ के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी संजय कुमार ब्यास ने वित्त वर्ष 2012-13 में शासनादेश में दिए गए निर्देशों की अवहेलना करते हुए शिक्षण संस्थाओं से डेबिट अथॉरटी लेटर लेकर छात्रवृत्ति के 2.74 करोड़ रुपए छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में न भेजकर शिक्षण संस्थाओं के बैंक खाते में सीधे भेज दिए। हापुड़ में दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की विभागीय वेबसाइट पर छात्र-छात्राओं के अपलोड विवरण में से सूची प्रिंट कर उसमें फ्ल्यूड लगाकर अभिलेखों में फर्जीवाड़ा किया। बर्खास्तगी के साथ 3.23 करोड़ रुपए की वसूली का निर्देश दिया गया है। शाहजहांपुर के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ने तैनाती के दौरान वित्त वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के बैंक खाते बदलकर अपात्रों को लाभ पहुंचाया। बर्खास्तगी के साथ 2.52 करोड़ रुपए की वसूली की जाएगी।
इसके अलावा अब सेवानिवृत्त हो चुके औरेया के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीभगवान से गबन की धनराशि 33 लाख 47 हजार 400 रुपए में से 20 लाख रुपए की वसूली अधिकारी के देयकों से किये जाने और उनकी पेंशन से स्थाई रूप से 10 प्रतिशत की कटौती किए जाने का निर्देश दिया गया है। श्रीभगवान वर्ष 2018 से 2020 तक जिले में कार्यरत रहे और वहीं से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने वृद्धावस्था पेंशनरों के खातों के नाम में भिन्नता होने पर भी वेरिफाई किया। 251 लाभार्थियों के खाते बदलकर अन्य व्यक्तियों के खाते में पेंशन की राशि भेजी गई।
मथुरा के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद शंकर तिवारी ने वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 11
मथुरा के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी और अब सेवानिवृत्त हो चुके उमा शंकर शर्मा ने वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 11
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