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कांगो में हाहाकार! भूख, हिंसा और विद्रोह ने 2.5 करोड़ लोगों को झोंका मौत के मुहाने पर
🔹 संयुक्त राष्ट्र ने जताई गहरी चिंता, कहा—स्थिति 2026 तक और भी भयावह होगी
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नई दिल्ली, 13 नवम्बर, (एजेंसियां)। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अफ्रीकी देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) अभूतपूर्व खाद्य संकट से जूझ रहा है। यहां करीब 2.5 करोड़ लोग, यानी देश की कुल आबादी का 20 प्रतिशत से अधिक हिस्सा, गंभीर भूख और कुपोषण के संकट में फंसा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, यह संख्या आने वाले महीनों में और बढ़ सकती है, जिससे स्थिति मानवीय त्रासदी के स्तर पर पहुंचने का खतरा है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफ़न दुजारिक ने बुधवार को न्यूयॉर्क में ब्रीफिंग के दौरान कहा कि डीआरसी विश्व के उन देशों में शामिल है, जहां खाद्य असुरक्षा की स्थिति सबसे ज्यादा विकराल हो चुकी है। उन्होंने बताया कि देश के पूर्वी हिस्से—विशेषकर उत्तरी किवु और इतुरी प्रांत—में हालात बेहद नाजुक हैं। विद्रोह, अस्थिरता और सशस्त्र संघर्ष ने स्थानीय अर्थव्यवस्था, कृषि उत्पादन और स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ तोड़ दी है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, हालिया Integrated Food Security Phase Classification (IPC) रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2026 की पहली छमाही तक कांगो में भूख से पीड़ित लोगों की संख्या 2.7 करोड़ तक पहुंच सकती है। इसका अर्थ यह है कि हर पांच में से एक नागरिक दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है।
दुजारिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) को विशेष रूप से बेनी, लुबेरो और इतुरी क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही हिंसा को लेकर गहरी चिंता है। उन्होंने कहा कि केवल इस साल की शुरुआत से अब तक 1,000 से अधिक नागरिकों की हत्या की जा चुकी है। ये हमले न सिर्फ जान ले रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य ढांचे को भी तबाह कर रहे हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक, 2025 की शुरुआत से कम से कम छह स्वास्थ्य केंद्रों पर सीधे हमले हुए हैं, जबकि 2024 के बाद से 28 से अधिक केंद्र सशस्त्र हमलों से प्रभावित हुए हैं। इसके चलते हजारों लोग न तो इलाज पा रहे हैं, न ही सुरक्षित आश्रय।
संयुक्त राष्ट्र ने सभी संघर्षरत गुटों से अपील की है कि वे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करें, नागरिकों और नागरिक संरचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें, तथा राहत एजेंसियों को प्रभावित क्षेत्रों तक निर्बाध पहुंच दें।
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूर्वी डीआरसी में "मार्च 23 मूवमेंट" (M23) विद्रोही समूह और सरकारी बलों के बीच फिर से छिड़ी जंग ने देश को भीतर तक हिला दिया है। विद्रोहियों ने गोमा, बुकावु और आसपास के कई महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा कर लिया है। इसके चलते लाखों लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं।
मानवीय एजेंसियों का कहना है कि इस व्यापक विस्थापन ने कांगो में पहले से ही फैले खाद्य, स्वास्थ्य और आश्रय संकट को और गहरा दिया है। खेत उजड़ चुके हैं, सड़कों पर गोलियों की गूंज है, और भोजन की तलाश में पूरा समाज निराशा के गर्त में जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी साफ है—अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, तो कांगो एक ऐसी मानवीय आपदा में डूब जाएगा, जिससे उबरना दशकों तक संभव नहीं होगा।
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