जून 2026 से पहले हर हाल में पूरा हो यूपीसएसएफ द्वितीय वाहिनी का निर्माण"
गोरखपुर में मेगा प्रोजेक्ट पर योगी का सख्त एक्शन
लखनऊ, 18 नवम्बर 2025। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीसएसएफ) की द्वितीय वाहिनी के लिए 343 करोड़ रुपये की लागत से 50 हेक्टेयर भूमि पर बन रहे आवासीय और अनावासीय भवनों के भव्य निर्माण कार्यों का विस्तृत स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे निर्माण कार्य की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए गति तेज करें, ताकि परियोजना तय समय से पहले पूरी हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि जून माह के बाद बारिश के कारण निर्माण की गति प्रभावित होती है, अतः कोशिश हो कि प्रशासनिक भवन, बैरक और अन्य आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर जून 2026 तक ही तैयार हो जाएं, जबकि लक्ष्य अक्टूबर 2026 निर्धारित है।
मुख्यमंत्री ने यूपीसएसएफ द्वितीय वाहिनी के मॉडल और निर्माणाधीन संरचनाओं का गहन अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों से अलग-अलग आयामों, व्यवस्थाओं, क्षमता, उपलब्ध संसाधनों, मैनपावर और अब तक हुई भौतिक प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों ने बताया कि इस वाहिनी की कुल क्षमता 1,000 कार्मिकों की होगी और अधिकांश भवन 31 अक्टूबर 2026 तक तैयार कर लिए जाएंगे, जबकि टावर-ए और टावर-बी का निर्माण 30 मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इन सभी कार्यों में मशीनरी के अधिकतम उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि परियोजना में किसी भी स्तर पर देरी नहीं होनी चाहिए।
निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य में आ रही चुनौतियों को भी मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया गया। अधिकारियों ने बताया कि भूमि लो-लैंड होने के कारण भराई के लिए पर्याप्त मिट्टी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को तत्काल निर्देश दिया कि आसपास के नालों और नदी की ड्रेजिंग कराकर मिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अंतिम भराई से पहले मैक्सिमम फ्लड लेवल की जांच अवश्य कर ली जाए, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की जलभराव की समस्या न हो। इसी संदर्भ में ताल जहदा क्षेत्र की जमीन नीची होने के कारण जलभराव की संभावना पर भी मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की और मानीराम तटबंध पर रेगुलेटर के पास पम्पिंग स्टेशन के निर्माण का निर्देश दिया, जिससे पानी निकासी की व्यवस्था मजबूत हो सके।
यूपीसएसएफ द्वितीय वाहिनी के परिसर को अत्याधुनिक और हाई-टेक सुविधाओं से लैस करने का लक्ष्य है। परिसर में लिफ्ट युक्त टाइप-ए व टाइप-बी (ग्राउंड प्लस 13 फ्लोर) बहुमंजिला इमारतें, टाइप-4 और टाइप-5 आवासीय भवन, लिफ्ट सहित प्रशासनिक भवन (ग्राउंड प्लस 4 फ्लोर), गार्ड क्वार्टर, अस्पताल, इंडोर जिम, डॉग केनल, पार्किंग, टॉयलेट ब्लॉक और 400 क्षमता की बैरक का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सलामी मंच के साथ भव्य परेड ग्राउंड और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुदृढ़ व्यवस्था भी शामिल है।
परियोजना के आवासीय भवनों के लिए राज्य सरकार ने 186 करोड़ 33 लाख 43 हजार रुपये तथा अनावासीय भवनों के लिए 156 करोड़ 39 लाख 89 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। निर्माण कार्य 21 जून 2024 को आरंभ हुआ था और इसे लोक निर्माण विभाग, निर्माण खण्ड (भवन) द्वारा कार्यदायी संस्था के रूप में किया जा रहा है।
द्वितीय वाहिनी तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार दो किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड भी बना रही है, जिस पर 23.73 करोड़ रुपये व्यय होंगे। लोक निर्माण विभाग, निर्माण खण्ड-3 द्वारा 18 मार्च 2025 से शुरू इस सड़क की 30 प्रतिशत भौतिक प्रगति पूरी हो चुकी है तथा इसके मार्च 2026 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ जनप्रतिनिधि तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

