“बजट 2026-27 पर मंथन तेज: सीतारमण ने पूंजी बाजार, स्टार्टअप और निर्माण क्षेत्र के दिग्गजों से की मेराथन बैठकें”
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (एजेंसियां)। आगामी केंद्रीय बजट 2026-27 की तैयारी को लेकर केंद्र सरकार ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है। इसी क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में पूंजी बाजार, स्टार्टअप और विनिर्माण क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों के साथ लगातार तीन महत्वपूर्ण बजट-पूर्व बैठकें कीं। इन बैठकों का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों से सुझाव प्राप्त कर उन्हें बजट में शामिल करने की संभावनाओं पर विचार करना था, ताकि आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक अधिक व्यापक, दूरदर्शी और व्यावहारिक बजट तैयार किया जा सके।
वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि मंगलवार को हुई ये बैठकें बजट 2026-27 की तैयारी के सिलसिले में आयोजित हुई चौथी, पाँचवीं और छठी बैठक थीं। इन बैठकों में पूंजी बाजार, स्टार्टअप इकोसिस्टम और निर्माण क्षेत्र से जुड़े प्रमुख प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी मांगें, सुझाव और चुनौतियाँ पेश कीं। मंत्रालय के अनुसार, इन चर्चाओं का मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों को मजबूती देना है, जो अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पूंजी बाजार से जुड़ी बैठक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन, आर्थिक मामलों की सचिव अनुराधा ठाकुर और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान बाज़ार के प्रतिनिधियों ने कराधान से जुड़े मुद्दों, निवेश को आकर्षित करने की रणनीतियों, विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की नीतियों और पूंजी बाजार को और अधिक स्थिर एवं पारदर्शी बनाने से संबंधित सुझाव प्रस्तुत किए। वित्त मंत्री ने इन सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना और मंत्रालय के अधिकारियों को इन पर गहराई से विचार करने के निर्देश दिए।
स्टार्टअप इकोसिस्टम के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक भी काफी अहम मानी जा रही है। इस बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया भी उपस्थित रहे। स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने फंडिंग, कर रियायत, नवाचार को प्रोत्साहन, पेटेंट प्रक्रिया में तेजी, नियामकीय जटिलताओं को कम करने और नवोद्यमियों के लिए बेहतर संरचना उपलब्ध कराने से संबंधित सुझाव दिए। भारत तेजी से वैश्विक स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहा है, ऐसे में वित्त मंत्री ने इस क्षेत्र के सुझावों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए अधिकारियों को इनके विश्लेषण के निर्देश दिए।
निर्माण एवं विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी बैठक बजट-पूर्व समीक्षा श्रृंखला की छठी बैठक थी। इसमें देश की औद्योगिक वृद्धि को गति देने, निर्यात क्षमता बढ़ाने, घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने, रोजगार सृजन में वृद्धि और तकनीकी उन्नयन से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में इस क्षेत्र के विशेषज्ञों और उद्योग जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, आर्थिक मामलों के विभाग की सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार तथा कई वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित रहे।
विनिर्माण क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं के विस्तार, छोटे व मध्यम उद्योगों को वित्तीय सहायता, आयात शुल्क में संतुलन, तकनीकी विकास फंड की स्थापना और औद्योगिक नीतियों में सुधार से संबंधित सुझाव प्रस्तुत किए। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनाने के लिए सभी साझेदारों के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है, और सरकार इस दिशा में प्रतिबद्ध है।
इन बैठकों के सम्पन्न होने के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि वित्त मंत्रालय विभिन्न क्षेत्रों के व्यापक सुझावों को ध्यान में रखकर बजट का मसौदा तैयार कर रहा है। सरकार का उद्देश्य न केवल विकास दर को बढ़ाना है, बल्कि उन क्षेत्रों को भी सशक्त करना है जिनमें रोजगार, निवेश और नवाचार की अपार संभावनाएँ हैं।

