कानपुर में अवैध कब्जे का शिकार हैं सौ से अधिक मंदिर
बेकनगंज के राम जानकी मंदिर के पीछे रहने वाले नफीस कहते हैं, मंदिर को जैसे खोलना है, वैसे खोलें। हमको क्या लेना-देना है। मंदिर अलग है, घर अलग है। ये क्षेत्र पहले पुराना सर्राफा था। सारे हिंदू भाई यही रहते थे। फिर वो हिंदू बहुल क्षेत्रों में चले गए।
कानपुर, 22 दिसंबर (एजेंसियां)। कानपुर के मुस्लिम बहुल इलाकों में मौजूद बंद पड़े हिंदू मंदिरों को कब्जा मुक्त करवाने की मुहिम अब कानपुर भी पहुंच गई है। यहां की मेयर कल पुलिस फ़ोर्स के साथ शहर के 5 अलग-अलग मंदिरों पर गईं। इन मंदिरों की दुर्दशा पर मेयर ने नाराजगी जताई जिसमें एक के पीछे तो बिरयानी बेची जा रही थी। अब यहां की साफ़-सफाई शुरू की जा चुकी है। यहां रोज पूजा-अर्चना का ऐलान हुआ है। ऐसे कुल कब्जा प्रभावित मंदिरों की तादाद 100 से अधिक बताई जा रही है। हालाँकि प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद मुस्लिम पक्ष खुद को कब्जेदार नहीं बल्कि मंदिरों का रखवाला बताने में जुट गया है।
बेकनगंज के राम जानकी मंदिर के पीछे रहने वाले नफीस कहते हैं, मंदिर को जैसे खोलना है, वैसे खोलें। हमको क्या लेना-देना है। मंदिर अलग है, घर अलग है। ये क्षेत्र पहले पुराना सर्राफा था। सारे हिंदू भाई यही रहते थे। फिर वो हिंदू बहुल क्षेत्रों में चले गए। मंदिर चारों तरफ से पैक है। हम लोग मंदिरों की देखभाल करते हैं। 92 के दंगों में हर जगह मंदिरों में तोड़फोड़ हुई। इसको हम लोगों ने बचाया।
शनिवार 21 दिसंबर को कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय 7 थानों की पुलिस फ़ोर्स के साथ मुस्लिम बहुल इलाके बेकनगंज पहुंची। बेकनगंज वही इलाका है जहां जून 2022 में मुस्लिम भीड़ ने भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में पुलिस पर हमला कर दिया था। प्रमिला पांडेय को यहां कई मंदिरों पर अवैध कब्जे की सूचना मिली थी। इसी सूचना पर लगभग आधे घंटे तक वो बेकनगंज में रहीं। प्रमिला पांडेय ने 30 मिनट के अंदर कुल 5 ऐसे मंदिरों को खोज निकाला जो अवैध कब्ज़े और बदहाली के शिकार हुए थे। इसमें पहले नंबर पर राम जानकी मंदिर है। इस मंदिर पर कानपुर 2022 हिंसा के मुख्य आरोपित मुख़्तार बाबा बिरयानी वाले का कब्जा था। मंदिर के पीछे बिरयानी बनाई जाती थी। स्थानीय लोगों की माना जाए तो लगभग 100 साल पहले वर्ग गज में फैले इस मंदिर का अब बेहद छोटा सा ही हिस्सा शेष बचा है।
वहीं दूसरा मंदिर राधा कृष्ण का है। यह मंदिर बेहद जर्जर हालत में पाया गया। इसी इलाके में तीसरा मंदिर महादेव शिव का मिला। मंदिर में शिवलिंग के अवशेष भर मौजूद मिले। मंदिर के पीछे रिहायशी बस्तियां हैं। शिव मंदिर के बाद मेयर व साथ चल रही प्रशासनिक टीम को एक अन्य राधा-कृष्ण मंदिर मिला। इस मंदिर का शटर बंद मिला। शटर खोलने पर अंदर कूड़ा भरा मिला। मेयर प्रमिला ने सभी अवैध कब्जेदारों को फ़ौरन कब्जा हटा लेने का आदेश दिया है। वो मंदिरों की ऐसी हालत देख कर काफी नाराज भी हुईं।
मेयर का कहना है कि खोजे जा रहे सभी मंदिरों के जीर्णोद्धार के बाद वहां पहले की तरह विधि-विधान से पूजा अर्चना शुरू करवाई जाएगी। मेयर प्रमिला पांडेय ने यह भी कहा कि मंदिर में स्थापित मूर्तियां कहां गई इसकी जाँच करवाई जाएगी। बताते चलें कि कानपुर नगर निगम के एक सर्वे के मुताबिक शहर के मुस्लिम क्षेत्रों में लगभग 120 मंदिर बंद पड़े हैं। वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद मुस्लिम पक्ष खुद को कब्जेदार के बजाय मंदिरों का रखवाला बताने में जुट गया है।

