मोदी ट्रंप से मिले तो मसला हल होने की उम्मीद
संयुक्त राष्ट्र वार्षिक सभा के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे पीएम मोदी
इस यात्रा से पहले रूस-यूक्रेन तनाव खत्म होने के आसार
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन और जेलेंस्की से बात की
नई दिल्ली, 13 अगस्त (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक सम्मेलन में शामिल होने न्यूयॉर्क जा सकते हैं। ऐसे में अभी से अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में आई गिरावट के बीच पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हो सकती है। ट्रंप के अलावा पीएम मोदी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित कई वैश्विक नेताओं के साथ भी उच्च स्तरीय बैठकें कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र को संबोधित कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी वक्ताओं की सूची के हवाले से यह खबर आ रही है। यूएनजीए का 80वां सत्र 9 सितंबर को शुरू होगा। उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी। इसमें ब्राजील पारंपरिक रूप से सत्र का पहला वक्ता होगा, उसके बाद अमेरिका का नंबर आएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितंबर को यूएनजीए मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। यह व्हाइट हाउस में अपने दूसरे कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र सत्र को उनका पहला संबोधन होगा। महासभा के 80वें सत्र की उच्च-स्तरीय बहस के लिए वक्ताओं की प्रारंभिक सूची के हिसाब से भारत के शासनाध्यक्ष 26 सितंबर की सुबह सत्र को संबोधित करेंगे। इज़राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के शासनाध्यक्ष भी उसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस को संबोधित करेंगे।
पीएम मोदी ने इस साल फरवरी में वॉशिंगटन डीसी की यात्रा की थी। उस दौरान उन्होंने व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण पर बातचीत करने की योजना की घोषणा की थी। भारत और अमेरिका में व्यापार वार्ता चल ही रही थी कि ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया। इसमें नई दिल्ली की ओर से रूस से तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। टैरिफ को भारत के विदेश मंत्रालय ने अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया था। भारत ने कहा, किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस के लिए वक्ताओं की सूची अभी प्रारंभिक है। अगले कुछ हफ्तों में कार्यक्रमों और वक्ताओं में बदलाव की संभावना है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में वर्ष का सबसे व्यस्त राजनयिक सत्र माना जाने वाला यह सम्मेलन हर साल सितंबर में शुरू होता है। इस साल यह सत्र इज़राइल-हमास युद्ध और यूक्रेन संघर्ष के बीच आयोजित हो रहा है।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के पहले ही यह सवाल उठने लगा है कि पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे या नहीं। विशेषज्ञों का आकलन है कि पीएम मोदी की (संभावित) मुलाकात में व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने से लेकर एक टैरिफ पर सहमति बनाना शामिल होगा। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद सुलझने में कई पहलुओं की भूमिका होगी। इनमें रूस यूक्रेन युद्ध और दूसरा भारत-अमेरिका व्यापारिक समझौता शामिल है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की नजर 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात पर है।
ट्रंप और पुतिन के बीच मुलाकात के पहले ही पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात की है। भारत ने दोनों देशों के नेताओं को यह बात बता दी है कि संघर्ष का समाधान ही भारत के हित में है। व्यापारिक समझौते के पहलू की बात करें तो भारतीय और अमेरिकी वार्ताकार समझौते पर पहुंचने के करीब थे लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वार्ताकारों के बीच हुए समझौते से खुश नहीं थे। ऐसे में वार्ताकारों को सौदे की शर्तों पर आगे चर्चा करनी होगी और उन्हें नई शर्तें पेश करनी होंगी क्योंकि रेड लाइन खींच दी गई है। दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार के नए लक्ष्य यानि मिशन 500 पर केंद्रित हैं, जिसका लक्ष्य 2030 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से भी ज़्यादा बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इसी साल फरवरी में पीएम मोदी ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी। दोनों ही इस बात पर भी सहमत हुए थे कि ट्रेड की महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए उन्हें नए निष्पक्ष व्यापार नियमों की आवश्यकता होगी और उन्होंने इसी साल पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण पर बातचीत करने की योजना की घोषणा भी की थी। एक व्यापक बीटीए को संपन्न करने के लिए अमेरिका और भारत ने माल और सेवा क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत और गहरा करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की सहमति जताई थी। इसके अलावा दोनों ही एक दूसरे के बाजार तक पहुंच को विस्तार देने के साथ ही टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने तथा सप्लाई चेन को मजबूत करने पर सहमति हुए थे।
6 महीने पहले जो सहमति हुई थी वह पूरा प्लान ही अब मुश्किल दौर से गुज़र रहा है। अधिकारियों और वार्ताकारों को सितंबर के आखिरी हफ़्ते तक मुद्दों को सुलझाकर किसी समझौते पर पहुंचना होगा। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा में सभी ज़रूरी बातों पर सहमति बनने की उम्मीद है। अब इस यात्रा को निर्धारित करने के लिए, पहले कदम के तौर पर, भारतीय पक्ष ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री के लिए एक भाषण समय निर्धारित करने का अनुरोध किया है। फिलहाल यह 26 सितंबर की सुबह के लिए निर्धारित किया गया है। ट्रंप 23 सितंबर को भाषण देंगे।
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