यूपी में खुलेगा सहकारी महाविद्यालय
मुख्यमंत्री योगी ने सहकारिता विभाग के कार्यां की समीक्षा की
केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री ने सहयोग का दिया आश्वासन
लखनऊ, 12 सितंबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में सहकारिता विभाग के कार्यां की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में अध्ययन, अध्यापन और शोध को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सहकारी महाविद्यालय की स्थापना के निर्देश दिए। केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में एम-पैक्स सदस्यता महाभियान पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहकार से समृद्धि मंत्र को आत्मसात करते हुए 12 सितंबर से 12 अक्टूबर 2025 तक आयोजित सदस्यता महाअभियान से हर किसान और हर ग्रामीण परिवार को प्राथमिकता के साथ सहकारिता से जोड़ा जाए। वर्ष 2023 में आयोजित प्रथम सदस्यता महाअभियान में 30 लाख से अधिक नए सदस्य जुड़े थे, जिनमें 17.33 लाख किसान, 3.92 लाख अकुशल श्रमिक, 1.56 लाख कुशल श्रमिक, 2.20 लाख पशुपालक और 6,411 मत्स्यपालक शामिल थे। इस महाअभियान से सहकारिता क्षेत्र में 70 करोड़ रुपए का अंशदान प्राप्त हुआ था। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि द्वितीय सदस्यता महाअभियान को और व्यापक बनाया जाए तथा गांव-गांव में कैम्प, ऑनलाइन/ऑफलाइन पंजीकरण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं और प्रधानमंत्री जी के विजन को साकार करने में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है। बैठक में सहकारी बैंकिंग सुधारों की समीक्षा करते हुए अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक 16 बंद जिला सहकारी बैंकों को 306.92 करोड़ रुपए की सहायता से पुनर्जीवित किया गया है। इन बैंकों का एनपीए वर्ष 2017 में 800 करोड़ रुपए से घटकर मार्च 2025 में 278 करोड़ रुपए रह गया। मार्च, 2025 तक 1,000 करोड़ रुपए का ऋण व्यवसाय दर्ज हुआ और सभी बैंक लाभ में आ गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और जमाकर्ताओं का विश्वास ही सहकारिता की असली पूंजी है। इसे हर हाल में सुरक्षित रखा जाए। सहकारिता भारतीय ग्रामीण समाज की प्राचीन परम्परा है। समाज को एकजुट रखने में सहकारिता की बड़ी भूमिका है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सहकारिता क्षेत्र में नए इतिहास रच रहा है। अन्न भंडारण योजना की प्रगति पर चर्चा के दौरान बताया गया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने प्रदेश के 35 जनपदों में 96 स्थलों की पहचान की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 15 नवंबर तक वित्तीय समापन प्रक्रिया पूरी कर जनवरी 2026 से निर्माण कार्य प्रारम्भ कर अप्रैल 2026 तक पूरा कर लिया जाए। गोदाम निर्माण किसानों की समृद्धि का आधार है, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
इस अवसर पर एम-पैक्स के गठन और कार्यप्रणाली पर भी विस्तार से समीक्षा की गई। अवगत कराया गया कि वर्ष 2024-25 में 266 एम-पैक्स के सापेक्ष चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 457 नये एम-पैक्स गठित हो चुके हैं। सितम्बर, 2025 में 1,088 ग्राम पंचायतों में इनके गठन की प्रक्रिया चल रही है। एम-पैक्स को उर्वरक वितरण हेतु 10 लाख रुपए तक ब्याज-मुक्त ऋण सीमा दी गई है, जिससे अब तक 5,400 करोड़ रुपए का टर्नओवर और 120 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार, 757 नवगठित एम-पैक्स के उन्नयन के लिए राज्य सरकार 01 लाख रुपए मार्जिन मनी तथा 01 लाख रुपए आधारभूत अवसंरचना विकास के लिए उपलब्ध करा रही है।
डिजिटल भुगतान व्यवस्था के तहत 6,101 सोसाइटी में क्यूआर/यूपीआई आधारित प्रणाली लागू हो चुकी है। साथ ही, व्यवसाय विविधीकरण को बढ़ावा देते हुए 5,170 एम-पैक्स में सीएससी सेवाएं, 6,443 एम-पैक्स को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र तथा 161 एम-पैक्स में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जेपीएस राठौर, भारत सरकार के सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी, प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास तथा मत्स्य पालन अमित कुमार घोष, प्रमुख सचिव सहकारिता सौरभ बाबू, सचिव मुख्यमंत्री अमित सिंह सहित भारत सरकार एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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