फूलों की कीमतें गिरीं, उत्पादक संकट में

फूलों की कीमतें गिरीं, उत्पादक संकट में

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| गौरी-गणेश उत्सव के दौरान फूलों की आसमान छूती कीमतें पितृ पक्ष में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई हैं और फूल उत्पादक बेहद मुश्किल में हैं| एक पखवाड़े पहले, सेवंती का एक मरू १५० रुपये में बिक रहा था| अब, बाजार में एक मरू ४० रुपये में बिक रहा है| इसके अलावा, कीमत गिरकर ४० रुपये प्रति किलो हो गई है|

इससे फूल उत्पादकों को भारी परेशानी हो रही है| पितृ पक्ष के दौरान किसी भी शुभ कार्य के न होने से कीमतों में गिरावट आई है| कोलार, चिक्कबल्लापुर, तुमकुरु, चित्रदुर्ग और रामनगर के किसान, जहाँ फूल उगाए जाते हैं, यह सोचकर फसल उगाने से हिचकिचा रहे हैं कि पितृ पक्ष के दौरान फूलों की कोई कीमत नहीं मिलेगी, और उन्होंने दशहरा के लिए फूल उगाए हैं| कहा जा रहा है कि दशहरा के लिए कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है| फूलों का उपयोग केवल पार्टियों और पूजा-पाठ के लिए किया जाता है| कोई विवाह, मुंजि या शुभ कार्य नहीं हो रहे हैं| इसलिए, फूलों की माँग में कमी के कारण कीमतों में गिरावट आई है| किसान बिना किसी खरीदार के, अपनी तोड़ी हुई और बाजार में लाई गई फूलों की फसल को मनचाहे दामों पर बेच रहे हैं|

इसका मतलब है कि परिवहन और फूलों की कटाई का खर्च पूरा नहीं हो पा रहा है| कुछ किसानों ने तोड़े बिना ही फूलों को खेतों में ही छोड़ दिया है| कीमत चाहे कितनी भी गिरे या बढ़े, इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा| एक किसान ने बताया कि जो भी होगा, उससे व्यापारियों, दलालों और बाजारियों को ही फायदा होगा| राज्य के विभिन्न बाजारों में सेवंतिगे ४० रुपये प्रति किलो, गेंदा ६० रुपये, गुलाब ५० रुपये, काकड़ का फूल २५० रुपये और सुगंध राजा २५० रुपये प्रति किलो बिक रहा है|