भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ एफआईआर जरूरी: सीएम

भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ एफआईआर जरूरी: सीएम

मैसूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने शांति भंग करने और भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की आवश्यकता का बचाव किया है| पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राजनीतिक द्वेष भड़काने वाला कोई कदम नहीं उठा रही है, भाजपा नेता आए दिन बयानबाजी कर लोगों को भड़का रहे हैं| शांति, सद्भाव और सौहार्द बनाए रखना सरकार का कर्तव्य है|

उन्होंने कहा कि इस संबंध में मामले दर्ज किए जाएँगे| यह आरोप कि हिंदू नेताओं पर आपराधिक मामले दर्ज करके उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, निराधार है| क्या मैं हिंदू नहीं हूँ? मेरे नाम में भगवान के दो नाम हैं| सिद्ध का अर्थ है भगवान का नाम, और राम विष्णु का नाम है| उन्होंने कहा कि पुलिस विभिन्न संगठनों की इस मांग की जाँच करेगी कि पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा को दशहरा समाप्त होने तक जिले से निर्वासित किया जाए| जिन लोगों ने दशहरा के उद्घाटन के लिए कवि बानू मश्ताक के चयन के खिलाफ अदालत में जनहित याचिका दायर की है, उन्हें बताना चाहिए कि वे अदालत क्यों गए हैं| सरकार अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है|

उन्होंने कहा कि दशहरा एक सांस्कृतिक उत्सव है और इसमें समान धर्म के लोगों के शामिल होने के लिए कोई नियम नहीं हैं| धर्मस्थल मामले में एसआईटी जाँच चल रही है| सरकार किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर रही है| उन्होंने कहा कि जाँच में कोई देरी नहीं हो रही है और इसे अनावश्यक रूप से टालने की कोई जरूरत नहीं है| भाजपा का यह आरोप कि सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण में नई जातियाँ बनाई जा रही हैं, बेमानी है| केंद्र सरकार भविष्य में जाति जनगणना भी कराएगी| उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा तब भी इसी तरह की बात करेगी? भले ही हम कहें कि हम धर्मांतरण नहीं चाहते, लोग व्यवस्था के प्रभाव से धर्म परिवर्तन करते हैं| हमारे हिंदू समाज में सभी के लिए समानता और समान अवसर नहीं हैं, इसलिए वे धर्म परिवर्तन करते हैं|

उन्होंने कहा कि भले ही किसी भी धर्म में असमानता हो, लेकिन शोषितों को धर्म परिवर्तन का अधिकार है| जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है, वे सर्वेक्षण में वही धर्म या जाति लिखेंगे| अगर उन्हें लगता है कि मैंने हिंदू धर्म से मुस्लिम धर्म अपनाया है| अगर उन्हें लगता है कि मैं धर्म परिवर्तन नहीं करूँगा, तो उन्हें सर्वेक्षण में अपना धर्म लिखना होगा| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के दबाव में झुक गए और मणिपुर का दौरा किया| पहले जब वहाँ अशांति थी, तब वे वहाँ नहीं गए थे| अब, जब स्थिति बेहतर हो रही है, तब उन्होंने दौरा किया है| उन्होंने सवाल किया कि वे दो साल तक चुप क्यों रहे? गोवा सरकार महादयी नदी पर कलासा बंदूरी बांध के निर्माण में बाधा डाल रही है| न्यायाधिकरण ने १५ साल पहले २०१० में अलमट्टी बांध की ऊँचाई ५१९ मीटर से बढ़ाकर ५२४ मीटर करने का आदेश दिया था|

Read More संयुक्त राष्ट्र न्याय परिषद के अध्यक्ष बने जस्टिस मदन लोकुर

हालाँकि, महाराष्ट्र सरकार इसका विरोध कर रही है| तमिलनाडु कावेरी नदी पर मेकेदातु के पास एक संतुलित बांध के निर्माण का विरोध कर रहा है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सूचित करना चाहिए और उन्हें सिंचाई परियोजनाएँ शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए| उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और गोवा में भाजपा के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें सलाह दी जानी चाहिए|

Read More सुप्रीम कोर्ट ने नहीं सुनी धर्म संसद के खिलाफ याचिका

#भड़काऊभाषण, #FIR, #सीएम, #कानूनीकार्रवाई, #सुरक्षासमाचार, #ताजाखबर, #हिंदीसमाचार, #राजनीतिन्यूज

Read More Maha Kumbh Mela Train: क्या किया गया महाकुंभ मेले के लिए ट्रेन में मुफ्त यात्रा का प्रावधान? भारतीय रेलवे का आया इस पर बड़ा बयान