अयोग्य बीपीएल लाभार्थियों को हटाने पर कोई आपत्ति नहीं
पात्र लाभार्थियों को लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए: जोशी
हुब्बल्ली/शुभ लाभ ब्यूरो| तकनीक के आधार पर बीपीएल कार्डों में संशोधन करने और अपात्रों को बाहर करने पर कोई आपत्ति नहीं है| हालाँकि, केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सलाह दी है कि पात्र लोग सावधान रहें और लाभ से वंचित न रहें| पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह सच है कि देश के कई हिस्सों में अपात्र लोग बीपीएल सूची में हैं|
हमें उनका उचित सत्यापन करने और उन्हें हटाने पर कोई आपत्ति नहीं है| उन्हें संशोधित करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए| राज्य सरकार ने पहले खाद्य निरीक्षकों को कार्डों के संशोधन की जिम्मेदारी सौंपी थी| उन्होंने लोगों को परेशानी में डाला था| उन्होंने कहा कि कुछ खाद्य निरीक्षक २० से ३० साल तक एक ही जगह पर जमे रहे| उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के १५ से ज्यादा मुख्यमंत्रियों ने हाल ही में उनसे मुलाकात की थी| उन्होंने कहा कि उन्होंने उन्हें तकनीक का इस्तेमाल करके कार्डों में संशोधन करने और निचले स्तर के अधिकारियों को मनमानी न करने देने की सलाह दी थी| उन्होंने कहा कि वे सामान्य तौर पर बीपीएल कार्डों के संशोधन के विरोधी नहीं हैं| उन्होंने कहा कि कर्नाटक भाजपा के इस आरोप पर भी विचार किया जाना चाहिए कि पात्र लाभार्थियों को लाभ से वंचित रखा गया है| केंद्र सरकार कोई जुर्माना नहीं लगाएगी| २०११ की जनगणना और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार, योग्यता के आधार पर, शहरी क्षेत्रों में ५० प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में ७५ प्रतिशत आबादी सरकारी रियायतें और मुफ्त राशन पाने की पात्र है| उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदभार ग्रहण करने के बाद गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी है| राज्य सरकार को यह तय करना है कि किसे मुफ्त अनाज दिया जाए| क्या ७ एकड़ से अधिक जमीन वालों को बीपीएल की सुविधा दी जानी चाहिए?
क्या ८ एकड़ और ९ एकड़ जमीन वालों को मुफ्त राशन दिया जा सकता है? यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जांच करे कि उनके पास वाहन हैं या नहीं| उन्होंने कहा कि उन्होंने ये सभी बातें उनसे मिले मुख्यमंत्री को समझा दी हैं| मैं इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहता| कुछ मुख्यमंत्रियों ने ईमानदारी से प्रयास करने का वादा किया है| उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के खाद्य विभाग सचिव ने राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों और खाद्य विभाग सचिवों को लोगों की बेहतरी के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं| केंद्र सरकार ने यह नहीं कहा है कि जिन लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है, उन्हें बीपीएल से बाहर रखा जाए| राज्य सरकार ने आयकरदाताओं को बीपीएल से बाहर रखने के मानदंड तैयार किए हैं| इस वर्ष से १२ लाख रुपये वार्षिक आय वाले लोग आयकर का भुगतान करेंगे| पहले, ६ लाख रुपये की आय सीमा थी|
उन्होंने कहा कि आयकर भुगतान सीमा निर्धारित करना और उसकी समीक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है| कानून में हर ५ साल में समीक्षा करना अनिवार्य है| उन्होंने कहा कि मृत व्यक्तियों के नाम पर भी कार्ड जारी किए जा रहे हैं और सुविधाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है| विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि २५ करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं| राज्य सरकार को इस संबंध में समीक्षा करने की आवश्यकता है| उन्होंने कहा कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है|
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