योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद से दिया विजन 2047 का संदेश

योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद से दिया विजन 2047 का संदेश

लखनऊ, 19 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद से देश और प्रदेश की नई विकास यात्रा का संदेश दिया। पं. दीनदयाल ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी ने जो पंचप्रण दिए—विरासत का सम्मान, गुलामी की मानसिकता का अंत, सेना और सुरक्षाबलों का गौरव, सामाजिक समता और नागरिक कर्तव्य—वही विकसित भारत की आधारशिला हैं।

मुख्यमंत्री ने ‘भारतवर्ष की स्वर्णाभा नरेन्द्र मोदी’ पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि यह कृति नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। इसमें मोदी के 11 वर्षों की विकास यात्रा को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हर पुस्तकालय और विश्वविद्यालय में उपलब्ध होनी चाहिए ताकि युवा भारत के बदलते स्वरूप को समझ सकें।

योगी ने कहा कि सेवा पखवाड़े के दौरान राष्ट्रनायकों की जयंती से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती तक अनेक कार्यक्रम हो रहे हैं। स्वस्थ नारी, सशक्त समाज की थीम पर महिलाओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की है। रक्तदान और स्वास्थ्य शिविर इसका उदाहरण हैं।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा और विधान परिषद में विकसित उत्तर प्रदेश पर 28 घंटे तक लगातार चर्चा चली, जिसमें 300 से अधिक विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया। प्रदेशभर में अकादमिक संस्थानों में भी इसी विषय पर संवाद हो रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनेगा।

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मुख्यमंत्री ने भारत की ऐतिहासिक आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 17वीं शताब्दी में भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। लेकिन विदेशी आक्रमण और गुलामी की मानसिकता ने हमें पीछे धकेल दिया। 1947 तक भारत का वैश्विक जीडीपी में हिस्सा मात्र 4% रह गया। आज मोदी के नेतृत्व में 11वीं से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सफर तय हुआ है और जल्द ही भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा।

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उन्होंने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य माना जाता था, लेकिन अब यह भारत का ग्रोथ इंजन बन चुका है। गाजियाबाद, मेरठ और नोएडा जैसे शहर एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल और औद्योगिक विकास के कारण नई पहचान बना चुके हैं। प्रदेश का इन्फ्रास्ट्रक्चर अब विश्वस्तरीय है—सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क, सबसे अधिक मेट्रो शहर और विशाल रेलवे कनेक्टिविटी इसका प्रमाण हैं।

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योगी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था 2017 में 12.75 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब 35–36 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की ओर है। नौजवानों के लिए रोजगार, किसानों के लिए पारदर्शी भुगतान और स्टार्टअप इंडिया जैसे अवसरों ने उत्तर प्रदेश को नई दिशा दी है। उन्होंने एक जनपद–एक उत्पाद योजना को प्रदेश के यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की नींव बताया।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक, कृषि, पर्यटन और औद्योगिक क्षेत्रों में सुझाव लेकर ही विजन 2047 की कार्ययोजना बनेगी। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी अवसर देती है, बेरोजगारी नहीं बढ़ाती। कृषि, जल प्रबंधन और पर्यटन में उत्तर प्रदेश नई ऊँचाइयाँ छू सकता है।

कार्यक्रम के अंत में उन्होंने आह्वान किया कि हर नागरिक अपने सुझाव समर्थ यूपी पोर्टल और क्यूआर कोड के माध्यम से भेजे। सर्वश्रेष्ठ सुझावों को जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश को विकसित भारत का नेतृत्व करना है। यह हमारी पीढ़ी का अवसर और आने वाली पीढ़ी की आधारशिला है।”