मुस्तफाबाद का नाम होगा कबीर धाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की घोषणा
जात-पात के कारण देश हुआ गुलाम, एकजुट रहें
लखीमपुर खीरी, 27 अक्टूबर (एजेंसियां)। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीमावर्ती इलाके लखीमपुर खीरी जनपद के मुस्तफाबाद का नाम बदलने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसे अब फिर से कबीर धाम किया जा रहा है। इसके लिए प्रक्रिया अभी से शुरू कर दी जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि इस गांव में एक भी मुस्लिम नहीं है, फिर भी इसका नाम मुस्तफाबाद है। पहले यह कबीर धाम कहलाता था।
सीएम योगी ने कहा कि जिस तरह से अयोध्या को फैजाबाद किया गया, प्रयागराज को इलाहाबाद किया गया था। उसी तरह कबीर धाम को मुस्तफाबाद कर दिया गया था। लेकिन उनकी सरकार ने गौरवशाली परंपरा की स्थापना करते हुए एक बार फिर फैजाबाद को अयोध्या, इलाहाबाद को प्रयागराज और अब मुस्तफाबाद को कबीर धाम कर रहे हैं। दरअसल पहचान को मिटाने के लिए ये नाम बदले गए। ताकि पहचान के समाप्त होते ही आपका अस्तित्व संकट में आ जाए। ये साजिश के तहत किया गया था। खासकर सीमावर्ती क्षेत्र में पहचान मिटाने की कोशिश की गई। मुस्तफाबाद लखीमपुर खीरी जिले में आता है और सीमा से सटा हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित कबीरधाम पर आयोजित स्मृति प्राकट्योत्सव मेले में कबीरदास के जीवन पर प्रकाश डाला और जात-पात पर प्रहार करते हुए समाज को एकजुटता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कबीरदास ने जातीयता पर प्रहार किया। जाति की विसंगितयों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा था कि जात-पात पूछे ना कोई, हरि को भजे सो हरि का होइ। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात देश की गुलामी का कारण रहा था। जाति के नाम पर समाज का विभाजन हुआ था। इस विभाजन से उबारने के लिए उस समय गुरु रामानंद, कबीरदास, रविदास समेत अनेक संतों ने समाज को नई दिशा दी। उनकी वाणी आज भी उतनी ही प्रासांगिक है, जितना उस समय थी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज भी समाज की आस्था पर प्रहार हो रहे हैं। जातीय आधार पर समाज को विभाजित करने की साजिश हो रही है। कुछ न कुछ ऐसी टिप्पणी होती हैं, जो भारत और भारतीयता को अपमानित करती हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको अपनी कमी को दूर करना चाहिए। बीमारी है तो समय रहते उसका उपचार जरूरी है। बीमारी कैंसर बने और असाध्य हो जाए। उसे पहले ही उसे रोकना चाहिए। समाज में जो विसंगतियां और बुराइयां हैं। उनको संतों के माध्यम से दूर करना है। उस मार्ग पर अनुसरण करना है, जिससे हम सन्मार्ग पर चलकर लोक और राष्ट्र कल्याण के लिए समर्पित हो सकें।
उन्होंने कहा कि आज नया भारत है, जो अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करता है। आज से 10 साल पहले क्या कोई कल्पना करता था कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बन पाएगा। उस वक्त जब रामभक्त आवाज उठाते थे, तब लोग बोलते थे कि यह सपना ही रहेगा। उन्होंने कहा कि जब एकजुटता होती है तो असंभव भी संभव हो जाता है। जो अयोध्या वीरान थी। आज वहां रौनक आ गई है। अयोध्या में बीते वर्ष छह करोड़ श्रद्धालु दर्शन करने आए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश वैश्विक पहचान खो चुका था। 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और देश को अपनी पहचान मिली। उन्होंने कहा कि देश अब तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। अमेरिका, चीन और भारत ही इस सूची में रहेंगे। बाकी देश नहीं है। भारत आज दुनिया में अपनी ताकत का एहसास करा रहा है। मुख्यमंत्री ने सरकार की योजनाओं को गिनाया। कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ देश के 50 करोड़ लोग उठा रहे हैं। रसोई गैस, शौचालय, सरकारी राशन आदि सरकारी योजनाओं को लोगों को लाभ मिल रहा है।

