मतदान में धांधली के खिलाफ राज्य में 1,12,40,000 हस्ताक्षर एकत्र: डीके शिवकुमार
निगम चुनाव मतपत्र से कराने पर विचार
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य और देश में वोटों में धांधली के खिलाफ एआईसीसी नेताओं के अभियान में कर्नाटक से 1,12,40,000 हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं| शिवकुमार, जो केपीसीसी के अध्यक्ष भी हैं, ने शनिवार को कांग्रेस कार्यालय के भारत जोड़ो भवन में आयोजित संयुक्त मीडिया सम्मेलन को संबोधित किया| उन्होंने कहा राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों और 40 जिलों से हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं, जहां हमारी पार्टी राजनीतिक रूप से विभाजित है| हमारे कार्यकर्ताओं ने इस अभियान में बहुत ईमानदारी से काम किया है|
8-10 स्थानों को छोड़कर, अन्य सभी स्थानों पर अच्छे से हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं| हस्ताक्षर बूथवार एकत्र किए गए हैं और हम मतदाता धोखाधड़ी के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए काम कर रहे हैं| उन्होंने कहा इस महीने की 10 तारीख को हस्ताक्षर संग्रह याचिकाएं दिल्ली भेजने का निर्णय लिया गया है| हस्ताक्षर संग्रह याचिकाएं जिला अध्यक्ष के साथ विमान से दिल्ली पहुंचाई जाएंगी, जिन्होंने इस अभियान में बड़ी जिम्मेदारी के साथ काम किया है| नवंबर के तीसरे सप्ताह (25 नवंबर) में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल सम्मेलन की योजना बनाई जा रही है| यह अभियान यहीं नहीं रुकेगा| जहां अभियान नहीं हुआ है, उन क्षेत्रों में इसे तीन से चार दिनों तक जारी रखने का निर्देश दिया जाएगा| अगर हम चुनावी अनियमितताओं की जांच के लिए अतिरिक्त दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए जानकारी मांगते हैं, तो आयोग खुद हमसे सबूत मांग रहा है| इसलिए, हमने मतपत्र के माध्यम से निगम चुनाव कराने के बारे में सोचा है| एआईसीसी ने कहा कि कर्नाटक उन राज्यों में पहला है, जिन्होंने इस अभियान को सफलतापूर्वक चलाया है और इसकी सफलता बीएलए, ब्लॉक और जिला कांग्रेस अध्यक्षों, विधायकों और पराजित उम्मीदवारों के कारण है|
मैं अपने नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को बधाई देता हूं, जिन्होंने यह लड़ाई लड़ी| उन्होंने कहा राहुल गांधी के नेतृत्व में देश भर में लोकतंत्र, संविधान और हस्ताक्षर एकत्र कर वोट देने के अधिकार को बचाने के लिए एक बड़ा आंदोलन चलाया जा रहा है| महादेवपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान का अध्ययन करने के बाद यह बात सामने आई है कि १ लाख से अधिक वोट अवैध रूप से डाले गए थे| इस अवैधता में एक घर में 80 से अधिक वोट जोड़े गए थे| राहुल गांधी ने यह खुलासा करके देश का ध्यान आकर्षित किया है कि एक बार में 70-80 मतदाता थे| इस अवैधता के खिलाफ बेंगलूरु के फ्रीडम पार्क में आयोजित विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्यमंत्री ने इस अवैधता पर प्रकाश डालकर देश को एक बड़ा संदेश दिया| खुलासा हो गया है| आलंद विधानसभा क्षेत्र में, स्थानीय विधायक प्रियांक खड़गे चुनाव से पहले अवैधता के बारे में शिकायत करते हैं और आयोग का ध्यान आकर्षित करते हैं| फिर इस अवैधता की जांच शुरू होती है|
चुनाव आयोग एक आधिकारिक शिकायत दर्ज करता है| आलंद में सुबह चार बजे वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए फर्जी आवेदन दाखिल किया गया| सुबह सिर्फ 17 मिनट में 14 वोट हट जाते हैं| वे इस तरह से 6000 वोट हटाने की कोशिश करते हैं| इस मामले में एसआईटी जांच चल रही है| उन्होंने कहा इस जांच के जरिए राज्य के बाहर के लोगों के वोट और उनके फोन नंबर हटाने की साजिश की गई थी| चुनाव प्रक्रिया की पूरी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है| इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग को काम करना है| फॉर्म 7 के दुरुपयोग से 256 बूथों पर 7250 वोट डिलीट हो गए| ये आवेदन उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, झारखंड के लोगों के मोबाइल फोन से जमा किए गए हैं| जिन 151 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं, वे 23 को शिकायत दर्ज कराएंगे| केंद्रीय चुनाव आयोग भी इस मामले की शिकायत दर्ज करेगा|
हालांकि जांचकर्ताओं ने 12 बार पत्र लिखकर उनसे ऐसा करने को कहा है| राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा क्षेत्र में हुई अनियमितताओं पर प्रकाश डाला है| उन्होंने कहा है कि उस राज्य के चुनाव में कुल 25 लाख वोट अवैध तरीके से डाले गए हैं| राहुल गांधी के संघर्ष की सोच भारत के संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने की है| ये संघर्ष कर्नाटक राज्य से ही शुरू हुआ है| उन्होंने इस मुद्दे पर देश भर के लोगों से हस्ताक्षर एकत्र कर राष्ट्रपति और चुनाव आयोग को लोगों की राय से अवगत कराया है|

