हैदराबाद का आतंकी गुजरात में दो साथियों संग गिरफ्तार
देश को अस्थिर करने वाले तत्वों पर चल रही सख्त कार्रवाई
बेंगलुरु जेल में आतंकी को मिल रही वीआईपी सुविधा!
सहारनपुर का कश्मीरी डॉक्टर निकला कुख्यात आतंकी
गांधीनगर/बेंगलुरु/श्रीनगर, 09 नवंबर (एजेंसियां)। गुजरात की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने गांधीनगर के अडालज टोल प्लाजा के पास से आईएसआईएस के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गुजरात में बड़े आतंकी हमले की साजिश थी। आतंकियों के पास से आधुनिक पिस्तौल सहित जहरीला केमिकल भी मिला है। पकड़े गए आतंकवादी सायनाइड में जहरीला रसायन मिला कर जनता पर खतरनाक प्रयोग करने की तैयारी में थे।

गुजरात एटीएस ने जिन तीन आतंकियों को पकड़ा है उनमें डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद पुत्र अब्दुल खादर जिलानी, मोहम्मद सुहेल पुत्र मोहम्मद सुलेमान और आज़ाद पुत्र सुलेमान सैफी शामिल है। आतंकियों के पास से दो ग्लॉक पिस्तौल, एक बरेटा पिस्तौल, 30 ज़िंदा कारतूस, सायनाइड और चार लीटर कैस्टर ऑयल बरामद किया गया।
गिरफ्तार किया गया डॉ. अहमद मोहीउद्दीन अब्दुल कादर जिलानी हैदराबाद का रहने वाला है। मोहम्मद सुहेल मोहम्मद सुलेमान और आज़ाद सुलेमान सैफी दोनों उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। गुजरात एटीएस ने बताया कि तीनों को हथियार सप्लाई करते हुए गिरफ्तार किया गया। वे देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहे थे। आईएसआईएस से जुड़े ये तीनों आतंकवादी गुजरात में साइनाइड से भी ज्यादा खतरनाक जहरीला केमिकल बनाने की कोशिश कर रहे थे। वे राज्य में कोई बड़ी वारदात अंजाम दे सकें, उससे पहले ही गुजरात एटीएस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

इस गिरफ्तारी से देश की सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ी सफलता मिली है। एक बड़े आतंकी षड्यंत्र को विफल कर दिया गया है। तीनों संदिग्ध पिछले कई महीनों से एटीएस के रडार पर थे। वे देश में बड़े पैमाने पर हमले की योजना बना रहे थे और हथियार लेने के लिए गुजरात पहुंचे थे। एटीएस ने खुफिया इनपुट के आधार पर इन पर नजर रखी और उचित समय पर कार्रवाई कर इन्हें पकड़ लिया। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आईएसआईएस देश में अपने नेटवर्क को दोबारा सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है और युवाओं को गुमराह कर उन्हें आतंक की राह पर धकेलने के प्रयास कर रहा है। हाल के दिनों में झारखंड की राजधानी रांची से भी इसी मॉड्यूल से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि काफी मशक्कतों के बाद पुलिस खूंखार आतंकियों को गिरफ्तार करती है, लेकिन जब वे जेल पहुंचते हैं तो वहां की सरकार उन्हें वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराने लगती है। खास तौर पर कांग्रेस शासित राज्यों में ऐसा ही हो रहा है। बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में बंद आईएसआईएस से जुड़े आतंकी जुहाब हमीद शकील का एक वीडियो सामने आया है, जिसने कर्नाटक सरकार की अंधी तुष्टिकरण की नीति उजागर हो रही है। वीडियो में आतंकवादी को जेल की सेल में बड़ी तसल्ली से चाय की चुस्कियों के साथ स्मार्टफोन चलाते हुए देखा जा सकता है। जेल में उसे हाई सुरक्षा वाले ब्लॉक में रखा गया है। इसके बावजूद वह बेखौफ होकर स्मार्टफोन चला रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआई) ने आतंकियों के लिए धन जुटाने, युवाओं को बरगला कर आतंकी बनाने और उन्हें आईएसआईएस में शामिल होने के लिए सीरिया भेजने के आरोप में जुहाब को गिरफ्तार किया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि वह अपने ज्ञान का बखान भी कर रहा है।
वीडियो सामने आने के बाद सरकार ने जांच का आदेश जारी करने की औपचारिकता कर दी है। लेकिन इस खुलासे से सरकार पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। कर्नाटक की सबसे कड़ी निगरानी वाली जेलों में से एक के अंदर आतंकी को इस तरह की सुविधा मिलना बहुत गंभीर मामला है। आतंकी जुहाब के सेल में टेलीविजन और अपनी पसंद का खाना बनाने की व्यवस्था भी है।
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के नर्सिंग होम में काम करने वाले जिस डॉक्टर आदिल अहमद राथर को पकड़ कर कश्मीर पुलिस श्रीनगर ले गई थी, वह जैश-ए-मोहम्मद का कुख्यात आतंकवादी निकला। उसके पास हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। आदिल मूल रूप से काजीगुंड का रहने वाला है और पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर कार्यरत था। जांच में खुलासा हुआ है कि उसने अस्पताल को आतंकियों के ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया। वह अस्पताल में ही हथियार छिपाता था और आतंकियों को सहयोग देता था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अस्पताल के लॉकर से एक असॉल्ट राइफल और कई संदिग्ध सामग्रियां बरामद की हैं।
वह कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद का नेटवर्क दोबारा खड़ा करने की योजना पर काम कर रहा था। वह अपने साथियों के साथ श्रीनगर के नौगाम इलाके में जैश के पोस्टर लगाने में भी शामिल था। इन पोस्टरों के बाद पुलिस ने इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली और छह लोगों को हिरासत में लिया। अब तक इस केस में कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आदिल के संपर्क में और कौन लोग थे तथा जैश के पुनर्गठन की साजिश में उनकी भूमिका क्या थी।
#GujaratATS, #ISISModule, #TerrorismArrest, #HyderabadTerrorist, #SaharanpurDoctor, #JeM, #BengaluruJailVIP, #NationalSecurity, #TerrorNetwork, #IndiaSecurityAgencies, #TerrorPlotFoiled, #AdilAhmedRathar, #CyberSecurity, #CounterTerrorism

