असम पुलिस ने दिल्ली बम विस्फोट का समर्थन करने वालों पर कसी नकेल, पांच गिरफ्तार — 34 की पहचान
सोशल मीडिया पर आतंकवाद समर्थक पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने चेताया—“असम में ऐसी मानसिकता बर्दाश्त नहीं”
गुवाहाटी, 12 नवंबर (एजेंसियां)। दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए भीषण बम विस्फोट के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। अब इस आतंकी घटना पर कथित समर्थन जताने वालों के खिलाफ असम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर आतंकवाद समर्थक टिप्पणियां और इमोजी पोस्ट करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 34 अन्य की पहचान संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के रूप में की गई है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने लिखा—
“हाल ही में हुए दिल्ली विस्फोट मामले में असम पुलिस ने ऑनलाइन आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री फैलाने के आरोप में पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान इस प्रकार है—
मतिउर रहमान (दरांग), हसन अली मंडल (गोलपाड़ा), अब्दुल लतीफ (चिरांग), वजुल कमाल (कामरूप) और नूर अमीन अहमद (बोंगाईगांव)।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि इन लोगों ने न केवल सोशल मीडिया पर आतंकवादी हमले का समर्थन किया, बल्कि उसे “जायज़ ठहराने” की कोशिश भी की।
पुलिस के अनुसार, जिन 34 अन्य संदिग्धों की पहचान की गई है, उनमें कामरूप के पाँच, तामुलपुर का एक, कार्बी आंगलोंग का एक, सोनितपुर के दो, गोलाघाट के दो, बोंगाईगाँव के तीन, दरांग के तीन, दक्षिण सलमारा के दो, गोलपाड़ा के दो, बारपेटा के चार, कछार का एक, नलबाड़ी के तीन, होजाई के दो, बक्सा का एक, जोरहाट का एक और कामरूप (मध्य) का एक व्यक्ति शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि इन सभी पर आईटी एक्ट और यूएपीए (UAPA) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। कई लोगों ने गिरफ्तारी की आशंका में अपने आपत्तिजनक पोस्ट और कमेंट्स हटा दिए, लेकिन पुलिस ने सभी का स्क्रीनशॉट बतौर साक्ष्य सुरक्षित रखा है।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा—
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब पूरा देश आतंकवाद की निंदा कर रहा है, तब असम में कुछ लोग आतंकियों के पक्ष में पोस्ट कर स्थिति को भड़काने का काम कर रहे हैं। यह मानसिकता बेहद खतरनाक है।”
उन्होंने कहा कि असम में ऐसी प्रवृत्तियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि “जो लोग आतंकी विचारधारा को ऑनलाइन मंचों पर बढ़ावा देंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी, चाहे वे कहीं भी हों।”
हिमंत शर्मा ने आगे कहा—
“अगर असम में ऐसी कोई घटना होती है, तो इसका असर और भी भयावह होगा, क्योंकि इन नेटवर्क्स की जड़ें यहाँ गहराई तक फैली हैं। यही लोग कभी लाल किले पर हमले का समर्थन करते हैं, कभी कश्मीर में निर्दोषों की हत्या पर चुप्पी साधते हैं, और कभी सब्सिडी योजनाओं का विरोध कर अफवाह फैलाते हैं। अब राज्य सरकार इन्हें पूरी तरह कुचलने के लिए प्रतिबद्ध है।”
पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को सक्रिय कर दिया गया है। किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि असम पुलिस ने केंद्र की एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया है ताकि दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े संभावित नेटवर्क को ट्रैक किया जा सके। यह भी संभावना जताई जा रही है कि कुछ गिरफ्तार व्यक्ति अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क से संपर्क में थे।
असम पुलिस का यह कदम संदेश देता है कि देश की सुरक्षा के खिलाफ कोई भी बयान, चाहे ऑनलाइन ही क्यों न हो, अब सजा से नहीं बचेगा।
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