किरण कुमार रेड्डी ने भाजपा पर बीआरएस नेताओं को बचाने का लगाया आरोप
कहा, बीआरएस नेताओं को बचाने की कोशिश कर रही है पार्टी
हैदराबाद, 20 नवंबर (एजेंसियां)। तेलंगाना की राजनीति में गर्माहट उस समय और बढ़ गई जब कांग्रेस सांसद सी किरण कुमार रेड्डी ने गुरुवार को भाजपा और केंद्रीय मंत्री बंडी संजय कुमार पर तीखा वार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा अपने पिछले दशक भर के शासनकाल में बीआरएस नेताओं को बचाती रही है और अब भी महत्वपूर्ण जांचों में बाधा डालने की कोशिश कर रही है। रेड्डी ने कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक हितों और पुराने गठबंधन सूत्रों से प्रेरित होकर बीआरएस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रोकना चाहती है।
किरण कुमार रेड्डी ने वीडियो संदेश में कहा कि बंडी संजय कुमार बार-बार झूठा आरोप लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और बीआरएस नेता केटी रामाराव (केटीआर) मिलकर राज्य चला रहे हैं, लेकिन वास्तविकता इसके एकदम विपरीत है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2023 तक तेलंगाना की राजनीति में बीआरएस और भाजपा के बीच एक “अदृश्य समझौता” काम करता रहा और इसी कारण राज्य में कई अनियमितताओं के बावजूद भाजपा ने कभी बीआरएस का विरोध नहीं किया। उनके अनुसार, जब तेलंगाना कर्ज के बोझ तले डूब चुका था, तब भाजपा नेताओं ने कोई सवाल क्यों नहीं उठाया? क्या उस समय राज्य की आर्थिक लूट का समर्थन भाजपा ने किया?
रेड्डी ने कहा कि जब राज्य में बीआरएस (पूर्व में टीआरएस) की सत्ता मजबूत थी, तब भाजपा नेताओं ने आरोपों को लेकर कोई आक्रामक रुख नहीं दिखाया। उन्होंने पूछा कि क्या बीआरएस के शासनकाल में हुई कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार में भाजपा की मौन स्वीकृति भी शामिल थी? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टीआरएस ने बाद में बिना किसी राजनीतिक विरोध का सामना किए अपना नाम बदलकर बीआरएस कर लिया, और भाजपा ने इस परिवर्तन पर भी कभी सवाल नहीं उठाया।
फॉर्मूला ई कार रेस मामले में आरोप
कांग्रेस सांसद ने प्रसिद्ध फॉर्मूला ई कार रेस आयोजन से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मामले में राज्यपाल ने केटी रामाराव (केटीआर) के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति 100 दिनों की देरी से दी। लेकिन सवाल है कि इस मामले में ए2 के रूप में नामित आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार पर अभी तक कार्रवाई क्यों लंबित है?
रेड्डी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने पहले ही कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को पत्र भेजकर अरविंद कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है, लेकिन भाजपा इस प्रक्रिया को रोकने के लिए लगातार दबाव बना रही है। उनके अनुसार, भाजपा अरविंद कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होने से रोकना चाहती है क्योंकि उसे डर है कि ऐसा होने पर केटीआर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज़ हो सकती है।
रेड्डी ने कहा कि भाजपा अपने “राजनीतिक संरक्षण तंत्र” का इस्तेमाल कर रही है ताकि फॉर्मूला ई कार रेस से जुड़े पूरे मामले की जांच एक विशिष्ट दिशा में न जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस मामले में बीआरएस नेतृत्व का बचाव कर रही है। रेड्डी के अनुसार, भाजपा की इस भूमिका से स्पष्ट होता है कि पार्टी और बीआरएस का पुराना गठबंधन आज भी परोक्ष रूप में सक्रिय है।
कांग्रेस–बीआरएस गठजोड़ के आरोपों का खंडन
बंडी संजय कुमार द्वारा लगाए गए इस दावे को कि कांग्रेस और बीआरएस मिलकर काम कर रहे हैं, रेड्डी ने झूठ और भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता ने देखा है कि किस तरह भाजपा को आठ लोकसभा सीटें जीतने में अचानक समर्थन मिला, और जुबली हिल्स उपचुनाव में भाजपा के वोट किस दिशा में शिफ्ट हुए। उनके अनुसार, इन चुनावी संकेतों से यह साफ झलकता है कि पर्दे के पीछे भाजपा और बीआरएस के बीच किसी न किसी स्तर पर समन्वय या समझ थी।
रेड्डी ने कहा कि यदि भाजपा सचमुच बीआरएस के खिलाफ कार्रवाई चाहती है, तो उसे पहले अपने भीतर के दबाव समूहों को रोकना चाहिए जो अरविंद कुमार जैसे अधिकारियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रियाओं को बाधित कर रहे हैं। उन्होंने बंडी संजय को सलाह दी कि वे जनता को भ्रमित करने के बजाय राज्यपाल पर राजनीतिक दबाव खत्म करने और निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त करने पर ध्यान दें।
तेलंगाना की राजनीति में जिस प्रकार भाजपा, कांग्रेस और बीआरएस के बीच आरोप–प्रत्यारोप का दौर तेज हो रहा है, उससे आने वाले समय में कई और राजनीतिक खुलासे और बयान सामने आने की पूरी संभावना है। फिलहाल यह विवाद न केवल राजनीतिक गर्मी बढ़ा रहा है, बल्कि फॉर्मूला ई कार रेस मामले की जांच को भी नए मोड़ पर ले जा रहा है।

