ताकि अवैध विदेशी घुसपैठियों से बच सके देश

हर चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन की मांग

ताकि अवैध विदेशी घुसपैठियों से बच सके देश

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई महत्वपूर्ण याचिका

नई दिल्ली, 08 जुलाई (एजेंसियां)। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर देश में खास तौर पर संसदीयराज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) की मांग की गई है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मंगलवार को याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा कि मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने से पहले प्रक्रियागत खामियों को दूर करें। इस पर याचिकाकर्ता ने याचिका पर 10 जुलाई को सुनवाई करने की मांग कीजब अन्य याचिकाओं पर सुनवाई होगी। याचिका में भारत के चुनाव आयोग को एसआईआर करने का निर्देश देने की मांग की गई हैताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल भारतीय नागरिक ही राजनीति और नीति तय करेंन कि अवैध विदेशी घुसपैठिए।

याचिका में कहा गया कि आजादी के बाद बड़े पैमाने पर अवैध घुसपैठधोखेबाजी से धर्म परिवर्तन और जनसंख्या विस्फोट की वजह से 200 जिलों और 1,500 तहसीलों की जनसांख्यिकी बदल गई। जनसांख्यिकी ही नियति है और दर्जनों जिलों में पहले से ही ऐसे लोगों की ओर से अपनी नियति तय होते देखी गई हैजो भारतीय नहीं हैं। चुनावों के माध्यम से एक राष्ट्र अपनी राजनीति और नीति को आकार देता है और इसलिए यह केंद्रराज्य और ईसीआई का संवैधानिक कर्तव्य है कि वे सुनिश्चित करें कि संसदीयराज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में केवल वास्तविक नागरिक ही अपना वोट डालेंन कि विदेशी घुसपैठिए।

याचिका में कहा गया कि इसके लिए समय-समय पर मतदाता सूचियों की विशेष गहन जांच आवश्यक है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए संवैधानिक जनादेश की वजह से मतदाता सूचियों की एसआईआर आवश्यक थी। बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं। हर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूचियों में अनुमानित 8,000-10,000 अवैधडुप्लिकेट और फर्जी प्रविष्टियां हैं। 2,000-3,000 वोटों की मामूली गड़बड़ी भी चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है। 

दरअसलकांग्रेसएनसीपी (शरद पवार)शिवसेना (यूबीटी)समाजवादी पार्टीजेएमएमसीपीआई और सीपीआई (एमएल) के विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से बिहार में चुनाव से पहले एसआईआ कराने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। राजद सांसद मनोज झा और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की अलग-अलग याचिकाओं के अलावा कांग्रेस के केसी वेणुगोपालशरद पवार एनसीपी गुट की सुप्रिया सुलेभारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजासमाजवादी पार्टी के हरिंदर सिंह मलिकशिवसेना (उद्धव गुट) के अरविंद सावंतझारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद और सीपीआई (एमएल) के दीपांकर भट्टाचार्य ने संयुक्त रूप से शीर्ष अदालत का रुख किया है। सभी नेताओं ने बिहार में मतदाता सूची की एसआईआर के निर्देश देने वाले चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी है और इसे रद्द करने की मांग की है।

Read More सतर्क न होती सरकार तो शत्रु सम्पत्ति भी हड़प लेता वक्फ बोर्ड

#OneNationOneElection, #IllegalMigrants, #ElectoralIntegrity, #ForeignInfiltration, #OneElectionSolution

Read More धर्मस्थल दफनाने के मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी में २० पुलिसकर्मी तैनात