कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री को किसानों की चिंता नहीं
आज सभी जिलों में किसान मोर्चा करेगा विरोध प्रदर्शन: बी.वाई. विजयेंद्र
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने राज्य सरकार पर राज्य में किसानों को बीज वितरण में गड़बड़ी और उर्वरकों की कमी के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है| उन्होंने घोषणा की कि भाजपा किसान मोर्चा सोमवार को राज्य के सभी जिलों में इसकी निंदा करने के लिए विरोध प्रदर्शन करेगा|
भाजपा के प्रदेश कार्यालय जगन्नाथ भवन में रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बेंगलूरु शहर को छोड़कर सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन होंगे| उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वे दो चरणों में विरोध प्रदर्शन करेंगे| कांग्रेस सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को राज्य के किसानों की जरा भी परवाह नहीं है| हमें समझ नहीं आता कि मुख्यमंत्री देश के किसानों के प्रति इतने उदासीन क्यों हैं| उन्होंने सिद्धरामैया की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही किसानों के हित में कोई कदम, फैसला या योजना नहीं उठाई है|
राज्य सरकार और कृषि मंत्री को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि मानसून की बारिश सामान्य से पहले शुरू हो गई है| पूरे राज्य में एक साथ बुवाई नहीं होती| इसलिए, कृषि मंत्री को इस बात का अनुमान होना चाहिए था कि कलबुर्गी, कोप्पल, शिवमोग्गा और अन्य जिलों में कितना यूरिया स्टॉक में रखा जाना चाहिए और कितना बीज रखा जाना चाहिए| राज्य में उर्वरक घोटाला चल रहा है| ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि किसान दोगुने या तिगुने दाम देकर यूरिया उर्वरक खरीद रहे हैं|
किसानों को घटिया बीज की जगह अच्छी गुणवत्ता वाले बीज से वंचित किया जा रहा है| परिणामस्वरूप, आज किसान सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं| कृषि मंत्री को तुरंत जागना चाहिए, घटिया बीज और मिलावटी उर्वरक उपलब्ध कराने वाली एजेंसियों की पहचान करनी चाहिए, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए और उन्हें तदनुसार दंडित करना चाहिए| उन्होंने राज्य सरकार से इस संबंध में कार्रवाई करने की मांग की| अगर किसानों को पता होता कि वे ज्यादा बुवाई कर रहे हैं और उन्हें जरूरत से ज्यादा यूरिया की जरूरत है, तो वे अभी केंद्र सरकार को पत्र नहीं लिखते|
राज्य सरकार को इस पर पहले ही चर्चा करनी चाहिए थी, विभाग में निर्णय लेना चाहिए था और केंद्र सरकार से पहले ही अनुरोध करना चाहिए था| उन्होंने आपत्ति जताई कि राज्य सरकार ने ऐसा भी नहीं किया|
पूर्व में, जब भाजपा सरकार में किसान नेता बी.एस. येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे, तब वे बफर स्टॉक के लिए १००० करोड़ रुपये देते थे| हालाँकि, सिद्धरामैया की सरकार आने के बाद, उन्होंने बफर स्टॉक के लिए आरक्षित राशि कम कर दी और वर्तमान में ४०० करोड़ रुपये दे रहे हैं| यानी, उन्होंने आरोप लगाया कि बफर स्टॉक की राशि में ६०० करोड़ रुपये की कमी की गई है|
प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत, येदियुरप्पा मुख्यमंत्री रहते हुए किसानों को ४००० रुपये देते थे| न केवल येदियुरप्पा, बल्कि बोम्मई ने भी मुख्यमंत्री रहते हुए इसे जारी रखा| उन्होंने शिकायत की कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही दिनों बाद सिद्धरामैया ने जो बड़ा काम किया, वह पिछली सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को बंद करना था|
किसानों को जागरूक करने, जानकारी देने और उन्हें यूरिया उर्वरकों के समाधान के रूप में नैनो उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने का काम कौन करे? उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी की केंद्र सरकार को इसके लिए भी आगे आना चाहिए? यह सब राज्य सरकार का भी कर्तव्य है| बी.वाई. विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार, मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री अपना कर्तव्य भूलकर ऐसा काम कर रहे हैं जिससे आज किसान सड़कों पर आ रहे हैं|
भाजपा ने किसानों के बच्चों को लाभ पहुँचाने के लिए ऋतु विद्यानिधि योजना शुरू की थी| कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इसे बंद कर दिया गया| कृषि पंपसेट के लिए बिजली कनेक्शन लेने में पहले २५,००० रुपये लगते थे| आज यह ३ लाख रुपये है|