निहित स्वार्थी तत्व संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रहे: सीएम
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने कहा कि निहित स्वार्थी तत्व संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों, ऐसा होने नहीं दिया जाएगा| अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र के तहत विधान सौधा बैंक्वेट हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि हम बहुसंस्कृतिवाद में एकता का राष्ट्र हैं|
बसवन्ना के अनुभव मंडप में भी लोकतंत्र पर जोर दिया गया| हाल ही में, वोटों में धांधली हो रही है| हम ऐसी स्थिति में आ गए हैं जहाँ हमें अपने वोट और अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है| उन्होंने कहा कि संविधान और लोकतंत्र को बचाना सभी का कर्तव्य और आवश्यकता है| संविधान में किसी भी जाति या धर्म का भेदभाव नहीं है| लोकतंत्र में जाति, धर्म और लिंग की परवाह किए बिना सभी को समान अवसर प्राप्त हैं| सामाजिक असमानता को समाप्त किया जाना चाहिए| सभी को आर्थिक और सामाजिक समानता मिलनी चाहिए| जातिगत भेदभाव नहीं होना चाहिए| उन्होंने कहा कि धार्मिक सहिष्णुता होनी चाहिए|
विपक्षी दलों के पास राजनीति करने के लिए कोई और विषय नहीं है| वे धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं| बानू मुश्ताक द्वारा दशहरा का उद्घाटन न किए जाने का विरोध किया गया है| यह स्पष्ट नहीं है कि हम किस व्यवस्था में हैं| संविधान धार्मिक भेदभाव की अनुमति नहीं देता| स्वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी निहित स्वार्थी तत्व संविधान के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं| एक पूर्व सांसद ने संविधान पढ़े बिना ही मूर्खता का परिचय दिया| वाद-विवाद लोकतंत्र की प्राणवायु है| लेकिन लोगों को गुमराह करने का प्रयास निंदनीय है| हाल के दिनों में विपक्षी दल इस तरह के प्रयास ज्यादा कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक होना चाहिए|
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि अनुभव मंडप से सभी के लिए समान अधिकार और समान अवसर के देश के अनुभव सुने गए| यह दुनिया के लिए एक आदर्श है| मतदान ने आम लोगों को प्रशासनिक व्यवस्था में शामिल कर दिया है| महाराजा घर पर हैं| उनके समय में स्कूलों और कॉलेजों में छात्र संघों के लिए चुनाव प्रणाली थी| बाद में सरकार ने इसे समाप्त कर दिया| उन्होंने कहा कि पंचायत से लेकर संसद तक नेतृत्व विकसित किया जाना चाहिए| शिवकुमार ने कहा जब मैं सातवीं कक्षा में था, तब मैंने छात्र संघ का चुनाव लड़ा था| उस समय मेरा चुनाव चिन्ह तारा था| मैं और सिद्धरामैया, लोकतांत्रिक मतदान के कारण ही यहाँ हैं| हर वोट का अपना महत्व है| कांग्रेस के ध्रुवनारायण एक वोट के अंतर से जीतकर विधायक बने| उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे ए.आर. कृष्णमूर्ति के ड्राइवर ने देर से आने के कारण वोट नहीं दिया|
अगर उनके परिवार के तीन सदस्य उस दिन आकर वोट देते, तो नतीजा कुछ और होता| राजस्थान में सी.पी. जोशी दो वोटों के अंतर से हार गए और मुख्यमंत्री बनने का मौका चूक गए| इसलिए उन्होंने सभी से बिना चूके वोट देने की अपील की|
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