सिद्धरामैया धर्मांतरण के सच्चे राजदूत हैं: आर. अशोक
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि अगर इस देश में धर्मांतरण का कोई असली दूत है, तो वह मुख्यमंत्री सिद्धरामैया हैं| वह अपने और अपनी पार्टी के लिए वोट पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं| उन्होंने जाति जनगणना के नाम पर ईसाइयों को हिंदुओं के साथ शामिल करने की साजिश रची है|
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि सिद्धरामैया धर्मांतरण के ब्रांड एंबेसडर हैं| सिद्धरामैया जो कुछ भी करते हैं, वोट के लिए करते हैं| उन्हें अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं| उन्होंने कहा कि जो भी फैसला हो, वह संविधान के अनुसार होना चाहिए| ईसाइयों से जुड़ी हिंदू उपजातियों के लिए एक अलग संहिता के मुद्दे पर बोलते हुए, अशोक ने शिकायत की कि सिद्धरामैया धर्मांतरण के दूत हैं| वह हिंदुओं के धर्मांतरण के लिए जो कुछ भी करने की जरूरत है, वह कर रहे हैं| संविधान में छह धर्म हैं|
सिद्धरामैया एक नया धर्म बनाने जा रहे हैं| उन्होंने कहा कि यह राज्य में जहर के बीज बोने की साजिश है| वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर बोलते हुए अशोक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम को बरकरार रखा है| कुछ छोटे-मोटे बिंदुओं पर सलाह और स्पष्टीकरण भी दिया है| कुल मिलाकर, केंद्र के वक्फ अधिनियम की अदालत में जीत हुई है| उन्होंने कहा कि कई जमीनों, स्कूलों, मठों और मंदिरों की संपत्तियों के लिए नोटिस दिए गए थे|
उन्होंने कहा कि अगर सीएम को वोट चाहिए तो चरवाहे और लिंगायत चाहिए| मुख्यमंत्री अब वोट पाकर तरक्की की सीढ़ियाँ चढ़ गए हैं| अगर हिंदू धर्म में असमानता है, तो क्या दूसरे धर्मों में समानता है? मुसलमानों में महिलाओं को आजादी नहीं है, मस्जिदों में प्रवेश वर्जित है, पुरुष जितनी चाहें उतनी शादियाँ कर सकते हैं| सिद्धरामैया इस्लाम की असमानताओं के बारे में बात क्यों नहीं करते? आप सिर्फ हिंदू धर्म की ही बात क्यों करते हैं? आपको लगता है कि हिंदू धर्म सही नहीं है|
उन्हें बताने दीजिए कि सभी धर्मों में कितनी असमानता है| उन्होंने हिंदू धर्म को निशाना बनाया है और अपनी भड़ास निकाली है, गुस्सा जताया है| अगले चुनाव में हिंदू आपको सबक सिखाएँगे| सत्ता में आने पर हम कांग्रेस सरकार के कुकृत्यों को रोकेंगे| हम एक नियम लाएँगे कि दशहरे का उद्घाटन कौन करेगा| दशहरे की शुरुआत विजयनगर के राजाओं ने की थी और दशहरे के दौरान यदुवंशियों को निमंत्रण भेजा जाता है|
उन्हें क्यों आमंत्रित किया जा रहा है? दूसरों को क्यों नहीं? यह परंपरा और हिंदू कैलेंडर के अनुसार होता है| कांग्रेस सरकार मुल्लाओं की सरकार है| यह कैलेंडर, परंपराओं और संस्कृतियों का सम्मान नहीं करती| इन सबके लिए एक कानून लाया जाना चाहिए|
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