फुस्स हो गया राहुल गांधी का हाइड्रोजन बम
फिर दोहराया पुराना राग, चुनाव आयोग ने फिर धोया
वोट डिलीट नहीं हो सकते, बेबुनियाद बातें न करें: आयोग
कर्नाटक में कांग्रेस कर रही थी वोट चोरी, विधायक फंसा
नई दिल्ली, 18 सितंबर (एजेंसियां)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब पूरे देश में हास्य का घिसा-पिटा पात्र बन चुके हैं। उन्होंने चुनाव आयोग के खिलाफ जो हाइड्रोजन बम फोड़ने की बात कही थी, वह सुतली बम भी नहीं निकला। राहुल गांधी ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर अपने तथाकथित हाइड्रोजन बम की हवा निकाल दी। उसे खुद ही फुस्स कर दिया। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का फिर से पुराना राग अलापा। राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को फिर से धो दिया। उधर, कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा ही वोट चोरी कराए जाने के मामले में एक विधायक फंस गया है।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों की रक्षा करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और कर्नाटक में केवल कांग्रेस के ही वोट काटे जाने की पुरानी बात दोहराई। राहुल गांधी ने हाइड्रोजन बम बताते हुए अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की थी, लेकिन वह फुस्स हो गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होते ही राहुल गांधी ने खुद ही बता दिया कि ये सीधे तौर पर हाइड्रोजन बम नहीं है। राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर वोट चोरी करवाने का आरोप लगाया और कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि ये सब काम एक संगठित तरीके से, एक सॉफ्टवेयर और कॉल सेंटर का उपयोग करके कांग्रेस के वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं।
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सबूत छिपाने और वोट चोरों का साथ देने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक की सीआईडी ने चुनाव आयोग को 18 महीने में 18 पत्र लिखकर सबूत मांगे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। राहुल गांधी ने कहा कि ये सब केंद्रीय स्तर पर एक सुनियोजित ऑपरेशन के तहत हो रहा है। इसके अलावा, आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए दूसरे राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कर्नाटक में कर्नाटक के नंबर इस्तेमाल न होकर, दूसरे राज्यों के मोबाइल नंबर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक हफ्ते का समय देते हुए कर्नाटक सीआईडी को सारे सबूत देने की बात कही है। राहुल गांधी के आज के हाइड्रोजन बम से कोई नया खुलासा नहीं हुआ और उनके ऐसे आरोप पहले भी सुने जा चुके हैं।
राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से लगाए गए आरोपों को गलत और निराधार बताया है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया। आयोग ने कहा, यह बात कोई भी समझ सकता है कि एक बार जो वोट पड़ गया उसे कोई भी शक्ति ऑनलाइन डिलीट नहीं कर सकती। चुनाव आयोग ने कहा कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के जो असफल प्रयास किए गए थे उसकी जांच के लिए चुनाव आयोग ने खुद ही प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाने वाली कांग्रेस पार्टी खुद ही वोट चोरी मामले में लिप्त है। इसमें लिप्त कांग्रेस विधायक की विधायकी जाने का खतरा मंडरा रहा है। राहुल गांधी भाजपा और चुनाव आयोग पर वोट चोरी रटते-रटते अब खुद ही इसमें फंसते हुए नजर आ रहे हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक वाई नंजेगौड़ा की जीत को रद्द कर दिया है और दोबारा से वोटो की गिनती का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने 4 हफ्तों के भीतर फिर से वोटों की गिनती करने का आदेश दिया है। हालांकि, कांग्रेस विधायक नंजेगौड़ा को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है।
इस फैसले के बाद भाजपा विधायक दल के नेता आर अशोक ने कांग्रेस पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक ने सवाल उठाया कि क्या राहुल गांधी नंजेगौड़ा के खिलाफ वोट चोरी यात्रा निकालेंगे। यह आरोप तब लग रहे हैं जब राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। मालूर विधानसभा सीट कर्नाटक की कोलार लोकसभा क्षेत्र में आती है, जो अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है। 2023 के चुनाव में कांग्रेस विधायक नंजेगौड़ा ने 29.4 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, जबकि भाजपा के मंजीनाथ गौड़ा को 29.26 प्रतिशत वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार हुड्डी विजयकुमार थे, जिन्हें 28.48 प्रतिशत वोट मिले। जेडीएस उम्मीदवार को सिर्फ 10.17 प्रतिशत वोट मिले। इस सीट पर तीन प्रमुख दावेदार थे और वोट प्रतिशत में बहुत मामूली अंतर था। चुनावी इतिहास में मालूर में कभी भी ऐसे करीबी मुकाबले नहीं देखे गए थे। यहाँ हमेशा जीतने वाले उम्मीदवार को 40 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलते थे।
भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, क्या राहुल गांधी संविधान को समझते हैं? वह सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए। क्या उन्होंने कोई दांव लगाया? वह कानून या सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को नहीं समझते हैं। वह केवल संविधान, संविधान चिल्लाते हैं। मुख्य बात स्पष्ट है। अगर राहुल गांधी को वोट नहीं मिलते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं? देश उनके कार्यों को कभी नहीं भूलेगा। वह विपक्ष के नेता हैं। उनके कुछ मूल्य होने चाहिए। वह देश के मतदाताओं का अपमान कर रहे हैं। जनता उन्हें फिर से करारा जवाब देगी। उनके सभी बम धराशायी हो जाएंगे। वह किसी पर भरोसा नहीं करते। मैं इसकी निंदा करता हूं। हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, वह दुनिया के पहले नेता हैं, जो अपने ही देश पर परमाणु बम या हाइड्रोजन बम गिराना चाहते हैं। अगर उनकी नीयत अच्छी होती, तो वे बेहतर शब्दों का इस्तेमाल करते। वह ज्यादातर नकारात्मक शब्दों का ही इस्तेमाल करते हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, जिस तरह राहुल गांधी ने पूरे देश को भ्रमित करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि वे हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे, लेकिन जब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो उन्होंने कहा, आज वे हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे। इससे पता चलता है कि गरजने वाले बादल बरसते नहीं। एक तरफ वे मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं और दूसरी तरफ हाइड्रोजन बम फोड़ने की बात करते हैं।
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