बिना उचित तैयारी के जल्दबाजी में जाति जनगणना
राज्य सरकार की जीबीए चुनावों के लिए तैयारी कहाँ है: बी.वाई. विजयेंद्र
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने बिना पर्याप्त तैयारी के जाति जनगणना कराने का जल्दबाजी में फैसला लेने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है| विधानसभा में शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए, विजयेंद्र ने कहा कि गणनाकार के रूप में नियुक्त शिक्षकों को भी खराब योजना के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है|
जनगणना के लिए छुट्टियों को बढ़ाने से ग्रामीण छात्रों, खासकर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को परेशानी हो रही है| इन बच्चों के लिए स्कूल का हर एक दिन महत्वपूर्ण है, फिर भी सरकार ने अनावश्यक छुट्टियां घोषित कर दी हैं, जिससे उनकी शिक्षा बाधित हो रही है| विजयेंद्र ने आगे आरोप लगाया कि सरकार ने विधायकों के साथ बैठक का एजेंडा साझा किए बिना ही ग्रेटर बेंगलूरु अथॉरिटी (जीबीए) की पहली बैठक बुला ली थी| उन्होंने कहा वे बिना किसी पारदर्शिता के, गुप्त रूप से बैठक कर रहे हैं| वे दिसंबर में चुनाव कराने की बात करते हैं, लेकिन तैयारी कहाँ है? कितने अधिकारी नियुक्त किए जाएँगे? बुनियादी ढाँचे का क्या? कोई ठोस आधार ही नहीं है|
वे बिना किसी योजना के राजनीति से प्रेरित घोषणाएँ कर रहे हैं| विजयेंद्र ने बेंगलूरु की सड़कों के रखरखाव में सरकार की विफलता पर निशाना साधते हुए कहा बेंगलूरु के लोग इस सरकार से निराश हैं| उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार प्रधानमंत्री आवास के पास और अन्य जगहों पर गड्ढे गिनने में व्यस्त हैं, जबकि बेंगलूरु के नागरिक गड्ढों के बीच सड़कें ढूँढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं| उन्होंने कहा सरकार लंदन और प्रधानमंत्री की बात करती है, लेकिन क्या उन्हें पहले बेंगलूरु को ठीक नहीं करना चाहिए? इस शहर के लोग सड़कों की मरम्मत के लिए तत्काल कार्रवाई की माँग कर रहे हैं, खोखले वादों की नहीं| विजयेंद्र ने कहा पूरा प्रशासन अव्यवस्थित है| उन्होंने सवाल किया, किसान पहले से ही संकट में हैं और अब भारी बारिश ने उत्तरी कर्नाटक में उनकी स्थिति और खराब कर दी है| फिर भी कृषि और राजस्व मंत्री प्रभावित इलाकों का दौरा तक नहीं कर पाए हैं| अगर उनके पास पीड़ित किसानों से मिलने का समय नहीं है, तो वे मंत्री ही क्यों बने रहें?
उन्होंने कहा अगर विपक्षी नेता और मैं कल्याण कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं करते, तो मुख्यमंत्री आराम से अपने वातानुकूलित कार्यालय में बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसले ले रहे होते| हमने बीदर, कलबुर्गी, रायचूर और यादगीर का दौरा किया, जबकि अशोक और अन्य बेलगावी और बागलकोट गए| सरकार को किसानों को मुआवजा देने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, उन्हें अनिश्चित काल तक इंतजार नहीं कराया जा सकता| यहाँ तक कि कृषि मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा का १० दिनों के भीतर मुआवजा देने का वादा भी पूरा नहीं हुआ है| मांड्या में माईशुगर फैक्टरी मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए, विजयेंद्र ने कहा कि भ्रम की स्थिति बनी हुई है| उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भाजपा सदस्य जीबीए की बैठक में शामिल नहीं हो सकते| उन्होंने कहा जब एजेंडा ही साझा नहीं किया गया है, तो बैठक में शामिल होने का क्या मतलब है?
यहाँ तक कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक भी इस मामले को जिस तरह से संभाला जा रहा है, उसका विरोध कर रहे हैं| ऐसा लगता है कि सरकार जनता की सेवा करने से ज्यादा अंदरूनी कलह को पाटने में लगी है| यह रियल एस्टेट माफिया के साथ मिलकर चलने वाला प्रशासन बन गया है| राजनीतिक घटनाक्रमों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए, विजयेंद्र ने कहा कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि सत्ताधारी पार्टी में सब ठीक नहीं है| कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र भी मानते हैं कि बिहार चुनाव के बाद मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुँचेगा|

