हिंदू शरणार्थियों को दिलाई जाएगी नागरिकता
बंगाल के सीमावर्ती जिलों में लगेंगे 1000 सीएए कैंप
भाजपा ने कहा, जनता से किया वादा निभाएंगे
कोलकाता, 25 अक्टूबर (एजेंसियां)। दीपावली और काली पूजा खत्म होने के साथ ही पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी अगली बड़ी मुहिम शुरू कर दी है। भाजपा पूरे राज्य में 1000 से ज्यादा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) शिविर लगाने जा रही है। इन शिविरों का उद्देश्य है बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया में मदद करना।
यह अभियान खासकर सीमावर्ती जिलों, उत्तर 24 परगना, नदिया, कूचबिहा
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) शिविर लगाने का अभियान आगामी विधानसभा चुनावों से पहले शुरू किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) भी शुरू होने जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि सीएए शिविर खासकर उन इलाकों में लगेंगे जहां बांग्लादेश की सीमा लगती है और जनसंख्या में स्पष्ट रूप से बदलाव दिख रहा है। भाजपा ने इस मुहिम के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी है। कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे बांग्लादेश से आए हिंदू परिवारों को आवेदन भरने के लिए प्रोत्साहित करें। राज्य अध्यक्ष समीक भट्टाचार्य ने बताया कि 1000 से ज्यादा शिविर लगेंगे, लेकिन सीमावर्ती जिलों पर ज्यादा जोर होगा। जैसे उत्तर 24 परगना और नदिया दक्षिण बंगाल में, तो कूचबिहार और उत्तर दिनाजपुर उत्तर बंगाल में। इन इलाकों में जनसांख्यिकी बदल रही है, इसलिए वहां शरणार्थियों की मदद जरूरी है।
पार्टी ने इसे सिर्फ अपनी इकाइयों तक सीमित नहीं रखा। हिंदू संगठनों और लोकल क्लबों को भी जोड़ा जा रहा है। बुधवार को कोलकाता में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अगुवाई में एक वर्कशॉप हुई, जहां नेताओं और कार्यकर्ताओं को सीएए के नियम सिखाए गए। अब ये ट्रेंड कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को फॉर्म भरने में मदद करेंगे। एक नेता ने कहा, लोगों को सीएए के बारे में गलतफहमियां हैं, हम उन्हें साफ-साफ समझाएंगे कि ये उनके हक के लिए है।
भाजपा विधायक एवं राज्य शरणार्थी प्रकोष्ठ के संयोजक असीम सरकार ने कहा कि वर्ष 2000 से 31 दिसंबर 2024 तक बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों को टारगेट किया जाएगा, जिनके नाम अभी मतदाता सूची में नहीं हैं। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने इन्हें गुमराह किया है, लेकिन सीएए हिंदुओं के लिए सुरक्षा रेखा है। यह आंदोलन 2004 में ठाकुरनगर से मतुआ परिवारों के साथ शुरू हुआ था। हरिणघाटा विधानसभा में तो जल्द ही माइक और प्रचार से लोगों को आवेदन के लिए जागरूक करने का कैंपेन चलेगा। इस अभियान से भाजपा को मतुआ समुदाय और दूसरे हिंदू शरणार्थी ग्रुप्स तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। ये लोग धार्मिक उत्पीड़न से भागकर 2024 तक भारत आए हैं। पार्टी का मानना है कि सीएए और एसआईआर से न सिर्फ वैध शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी, बल्कि फर्जी वोटरों और अवैध प्रवासियों की भी पहचान हो सकेगी।
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