एसवीएल श्रेणी के आईएनएस इक्षक का जलावतरण
कोच्चि, 07 नवंबर (एजेंसियां)। विशाल सर्वेक्षण पोत (एसवीएल) श्रृंखला के तीसरे जहाज, आईएनएस इक्षक को 06 नवंबर को कोच्चि स्थित नौसेना बेस में आयोजित औपचारिक कार्यक्रम के दौरान भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने की।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर वाइस एडमिरल समीर सक्सेना, एफओसीआईएनसी (दक्षिण), वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, नौसेना के पूर्व सैनिक, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता के प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। आईएनएस इक्षक को औपचारिक रूप से शामिल किया जाना, भारतीय नौसेना की अपनी जलविज्ञान और समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख को 50 जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन त्रिभुवन सिंह ने कमीशनिंग समारोह की शुरुआत जहाज के कमीशनिंग वारंट के वाचन के साथ की। कार्यक्रम में राष्ट्रगान के साथ नौसेना ध्वज फहराया गया और चालक दल द्वारा कलर गार्ड की औपचारिक सलामी दी गई। इसके साथ ही, सक्रिय नौसेना सेवा में शामिल होने के प्रतीक जहाज के कमीशनिंग पताका भी फहराया गया। यह पताका तब तक फहराती रहेगी जब तक जहाज राष्ट्र की सेवा में रहेगा। नौसेना प्रमुख ने कमीशनिंग पट्टिका का अनावरण किया।
नौसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में आईएनएस इक्षक की भारतीय नौसेना, भारतीय उद्योगों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के बीच प्रभावी सहयोग के प्रमाण के रूप में सराहना की, जो आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का प्रतीक है। यह जहाज अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक और समुद्र विज्ञान प्रणालियों के साथ-साथ हेलीकॉप्टर सहायता से लैस है इसलिए दोहरी भूमिका क्षमता के साथ बेजोड़ परिचालन बहुमुखी प्रतिभा प्रदान करता है। यह जहाज, एक सर्वेक्षण पोत और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल जहाज के रूप में भी कार्य करता है। समर्पित महिला आवास के साथ डिजाइन किया गया इक्षक पहला एसवीएल है। यह समावेशिता और आधुनिकीकरण के लिए नौसेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। आईएनएस इक्षक के नौसेना में शामिल होने से भारत की हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण क्षमता और स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आईएनएस इक्षक अनदेखे समुद्री क्षेत्र का मानचित्रण करने, समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तैयार है।
कमीशनिंग समारोह के बाद, नौसेना प्रमुख ने जहाज के विभिन्न खंडों का दौरा किया और निर्माण प्रक्रिया और स्वदेशी प्रणालियों के एकीकरण के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कमीशनिंग क्रू और जीआरएसई के अधिकारियों से बातचीत की और साथ ही आईएनएस इक्षक को भारतीय नौसेना में सफलतापूर्वक शामिल करने में उनके व्यावसायिक कार्य व्यवहार, समर्पण और योगदान की सराहना की।

