अपने ही देश को दहलाने की तैयारी में थे ‘भारत के आतंकी’

 3000 किलो विस्फोटक, एके-47 राइफल, ऑटोमैटिक पिस्तौलें, गोलियां व घातक रसायन बरामद

अपने ही देश को दहलाने की तैयारी में थे ‘भारत के आतंकी’

फरीदाबाद से जब्त हुआ तीन हजार किलो खतरनाक विस्फोटक पदार्थ

जो जहर ट्रंप और ओबामा पर आजमाया गया, वही बना रहे थे आतंकी

फरीदाबाद, 10 नवंबर (एजेंसियां)। कश्मीर और हरियाणा पुलिस की संयुक्त छापामारी में फरीदाबाद के धौज इलाके में एक डॉक्टर के घर 3000 किलो विस्फोटक बरामद होने के बाद देशभर में सनसनी फैल गई। जितनी भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है उससे भारी तबाही मचाने की तैयारी का संकेत मिला है। आरोपी डॉक्टर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा आतंकी है। उसे दो दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने पहले 300 किलो आरडीएक्स बरामद होने की बात कही थी, लेकिन बाद में उसे भी अमोनियम नाइट्रेट बता दिया। बहरहाल, कुल मिलाकर तीन हजार किलो से अधिक विस्फोटक बरामद किया गया है और जैश-ए-मोहम्मद एवं अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े दो डॉक्टर समेत सात आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस आरडीएक्स है या अमोनियम नाइट्रेट, इसमें फंसी रही। उसे विशेषज्ञीय जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। 2550 किलो विस्फोटक फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव से भी बरामद किया गया जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और गोला-बारूद की बरामदगी के संबंध में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुज्जमिल और एक इमाम गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार किए गए आतंकियों में आरिफ निसार दर साहिल (नौगामश्रीनगर), यासिर-उल-अशरफ (नौगामश्रीनगर), मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद (नौगामश्रीनगर), मौलवी इरफान अहमद (शोपियां), जमीर अहमद आहंगर मुत्लाशा (वाकुरागांदरबल), डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई मुसायब (कोइलपंपोर) और डॉ. आदिल (वानपोराकुलगाम) शामिल हैं। डॉ. आदिल से मिले सुराग के आधार पर ही श्रीनगरअनंतनागगांदरबलशोपियांफरीदाबाद और सहारनपुर में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया, जहां से खतरनाक विस्फोटक आरडीएक्स और दूसरे खतरनाक हथियारों का जखीरा बरामद किया गया। डॉ. आदिल ने फरीदाबाद में एक कमरा किराए पर ले रखा था। जहां से 14 कार्टूनों में भरा करीब 300 किलो आरडीएक्सदो ऑटोमैटिक पिस्टल, 84 कारतूसपांच लीटर घातक रसायन और एके-47 राइफल बरामद की गई है। गिरफ्तार आतंकी मुजाहिल शकील की निशानदेही पर यह कार्रवाई की गई। एक गाड़ी से जम्मू-कश्मीर पुलिस की पांच सदस्यी फरीदाबाद टीम आई थी। करीब 7-8 घंटे तक तलाशी और पूछताछ का दौर चला। आरोपी को जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने दो दिन पहले ही गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद आरोपी डॉक्टर की निशानदेही पर उसके आवास पर छापा माराजहां से टीम को 14 बैग आरडीएक्सदो ऑटोमैटिक पिस्टल, 84 कारतूसपांच लीटर केमिकल और एक एके-47 राइफल बरामद हुई है। यह बरामदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय हैक्योंकि आरडीएक्स एक अत्यंत शक्तिशाली विस्फोटक है और इसका बड़ी मात्रा में मिलना किसी बड़े खतरे की ओर इशारा कर सकता है।

यूपी के सहारनपुर से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े डॉक्टर आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था। अनंतनाग का रहने वाला डॉक्टर आदिल सहारनपुर के एक नरसिंग होम में काम कर रहा था। लेकिन अंदर ही अंदर वह आतंकी नेटवर्क मजबूत करने में लगा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इसी कड़ी में कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद में किराए पर रह रहे डॉक्टर मुजाहिल शकील के घर पर छापा मारा। कश्मीरी डॉक्टर मुजाहिल शकील फरीदाबाद में किराए पर कमरा लेकर रह रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि डॉक्टर कमरे में कम ही रहता था, उसने केवल सामान रखने के लिए कमरा ले रखा था।

इस मामले में चार राज्यों जम्मू कश्मीरउत्तर प्रदेशहरियाणा और गुजरात से पूरे मामले का कनेक्शन खंगाला जा रहा है। गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने रविवार को तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियारकारतूस और रासायनिक जहर बनाने की सामग्री बरामद हुई थी। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयदमोहम्मद सुहेल और आजाद के रूप में हुई है। हैदराबाद के रहने वाले सैयद अहमद मोहिउद्दीन को अहमदाबाद के अडालज के पास एक टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से दो ग्लॉक पिस्टलएक बेरेटा पिस्टल, 30 जिंदा कारतूस और 4 लीटर अरंडी का तेल बरामद किया गया। सैयद अहमद मोहिउद्दीन ने चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। उसकी मंशा एक ऐसी आतंकी गतिविधि को अंजाम देने की थी जिससे भारी नुकसान हो सके। वह कई विदेशियों के संपर्क में था और अबू खदीजा नाम की एक टेलीग्राम आईडी से जुड़ा थाजिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) से संबंधित है। मोहिउद्दीन रेसिन नामक एक अत्यंत घातक रासायनिक जहर बना रहा था, जिसकी एक बूंद भी किसी की जान लेने के लिए काफी होती है। किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों की जान लेने के लिए रेसिन का इस्तेमाल इंजेक्शन लगा कर, खाने में मिला कर या सांस के जरिए किया जा सकता है। दुनिया में इसकी कोई दवा (एंटी डोट) उपलब्ध नहीं है।

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तीन आतंकियों के पास से रेसिन जैसे घातक रसायन की बरामदगी चर्चा का विषय बनी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2020 में और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को 2013 में रेसिन जहर के जरिए जान से मारने की कोशिश की जा चुकी है। ओबामा को दो बार लिफाफों में यह जहर भेजा गया था। इस जहर को लिफाफे में खत पर पाउडर छिड़क कर भेजा गया था। रेसिन आसानी से बनाया जा सकने वाला सफेद पाउडर है। इसे इंजेक्शन सेखाने में मिलाकर या सांस के जरिए दिया जा सकता है। सांस के जरिए इसे देने का तरीका सबसे खतरनाक माना जाता हैजिससे एक ही समय में ज्यादा लोगों को निशाना बनाया जा सकता है। इसकी चपेट में आने से किसी व्यक्ति की 48 से 72 घंटे में मौत हो सकती है। खास यह है कि दुनिया में अभी तक इसका कोई एंटीडोट या औषधि नहीं बनी है। एक व्यक्ति को मारने के लिए महज 1.78 मिलीग्राम रेसिन काफी है। रेसिन का जासूसी और युद्ध में इस्तेमाल होता रहा है।

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