विद्युत कंपनियों के लिए जरूरी है साइबर खतरों से सुरक्षा
विद्युत कंपनियों के लिए हुई साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला
लखनऊ, 12 सितंबर (एजेंसियां)। उत्तर क्षेत्र की विभिन्न विद्युत कंपनियों के पेशेवरों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन और कार्यशाला 12 सितंबर को लखनऊ में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन विद्युत मंत्रालय की कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया टीम पावर और एनटीपीसी लिमिटेड के सहयोग से किया गया।यह कार्यक्रम साइबर खतरों के खिलाफ जागरूकता और लचीलापन बढ़ाने के मंत्रालय के प्रयासों का हिस्सा था। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू‑कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, एनएचपीसी, टीएचडीसी, एसजेवीएनएल, पीएफसी, एसईसीआई, आरईसी सहित अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र से वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ और 150 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
प्रतिनिधियों ने विद्युत क्षेत्र में बढ़ती साइबर सुरक्षा चुनौतियों पर विचार‑विमर्श किया और साइबर हमलों का पता लगाने, उन्हें रोकने और कम करने में एआई जैसी उन्नत तकनीकों की भूमिका पर चर्चा की। कार्यशाला में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और पूरे विद्युत क्षेत्र में तैयारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इस तरह की पहल के महत्व को उजागर करते हुए, एलकेएस राठौर, निदेशक (साइबर सुरक्षा), सीएसआईआरटी-पावर, विद्युत मंत्रालय ने विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की रणनीतिक महत्ता पर बात की और मजबूत सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सहयोग, प्रशिक्षण और तकनीक-आधारित समाधान की आवश्यकता पर बल दिया ताकि जटिल साइबर हमलों का मुकाबला किया जा सके।
नरेंद्र भूषण, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, उत्तर प्रदेश सरकार एवं अध्यक्ष, यूपीनेडा ने राज्य की ऊर्जा अवसंरचना को साइबर खतरों से सुरक्षित बनाने की प्रतिबद्धता पर बात की और विद्युत मंत्रालय द्वारा साइबर सुरक्षा क्षेत्र में अपनाए गए दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए रचनात्मक सोच की आवश्यकता पर बल दिया और भारत के युवा, ऊर्जावान दिमागों के साथ मिलकर नवाचारी समाधान विकसित करने का आह्वान किया। डॉ. आशीष कुमार गोयल, आईएस, अध्यक्ष, यूपीपीसीएल ने बताया कि कैसे सक्रिय शासन और नीति आधारित हस्तक्षेप साइबर सुरक्षा के लिए तकनीक अपनाने में मदद कर सकते हैं। भारतीय विद्युत क्षेत्र पर लक्षित और बढ़ती दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का हवाला देते हुए उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रयास बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यूपीपीसीएल की साइबर तैयारियों और इस दिशा में हो रहे सक्रिय प्रयासों पर भी चर्चा की।
श्रीमती ऋषिका शरण, सदस्य सचिव, एनआरपीसी ने विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की गंभीरता पर जोर दिया और घटना प्रतिक्रिया तंत्र को बेहतर बनाने के लिए क्षेत्रीय इकाइयों के बीच निरंतर समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया। गौतम देव, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर), एनटीपीसी ने साइबर सुरक्षा तैयारी और परिचालन सुरक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे महत्वपूर्ण अवसंरचना की रक्षा की जा सके। उन्होंने आज की आपस में जुड़ी और डिजिटल ऊर्जा दुनिया पर बात करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा वैकल्पिक नहीं है बल्कि यह अनिवार्य है। अपने प्रस्तुतीकरण में एके पटेल, जीएम (आईटी) एवं सीआईएसओ, एनटीपीसी ने एनटीपीसी के साइबर रक्षा ढांचे और घटना प्रतिक्रिया रणनीतियों का अवलोकन प्रस्तुत किया और सभी विद्युत कंपनियों से उन्नत साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने का आग्रह किया।
कार्यशाला में सीएसआईआरटी-पावर और सीईआरटी-इन की भूमिका, घटना प्रतिक्रिया प्रथाओं, फॉरेंसिक विश्लेषण, नियामक ढांचे, क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर सत्र आयोजित किए गए, साथ ही साइबर सुरक्षा क्विज़ का आयोजन कर पेशेवरों को व्यावहारिक ज्ञान और उपकरण उपलब्ध कराए गए। सीएसआईआरटी-पावर, सीईआरटी-इन और एनसीआईआईपीसी के विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी प्रस्तुतियों ने प्रतिनिधियों को व्यावहारिक जानकारी और उन्नत खतरा पहचान तकनीकों से लैस किया।
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