सुरक्षा के साथ राष्ट्र निर्माण में भी सेना का योगदान: मोदी
प्रधानमंत्री ने किया सैन्य कमांडरों के सम्मेलन का उद्घाटन
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार पीएम मोदी सेना से हुए मुखातिब
प्रधानमंत्री ने सेना के साहस, समर्पण और बलिदान को सैल्यूट किया
कोलकाता, 15 सितंबर (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोलकाता में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन (सीसीसी) का उद्घाटन किया। आज से शुरू होकर तीन दिनों तक चलने वाला यह सम्मेलन विजय दुर्ग, जिसे पहले फोर्ट विलियम्स के नाम से जाना जाता था, स्थित भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय में आयोजित किया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सशस्त्र बलों का यह पहला महत्वपूर्ण सम्मेलन है और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हैं। यह सम्मेलन 15 से 17 सितंबर तक चलेगा। इसका आयोजन पूर्वी कमान मुख्यालय में किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए कहा, ऑपरेशन सिंदूर में बेहतरीन भूमिका के लिए भारतीय सेना को बधाई और अभिवादन देता हूं। राष्ट्र निर्माण में भी सेना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। पीएम मोदी ने कहा, सेना ने हमेशा देश की संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों के साहस, समर्पण और बलिदान की तारीफ की और कहा कि सेना देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहती है और हर चुनौती का सामना करती है। अपने संबोधन में पीएम ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की खूब सराहना की, साथ ही राष्ट्र निर्माण, एंटी पायरेसी, संघर्ष क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और मित्र देशों को मानवीय सहायता और आपदा राहत देने के लिए सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। रक्षा में 2025 को ईयर ऑफ रीफॉर्म मानते हुए, प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और किसी भी स्थिति में जीत हासिल करने के लिए ज्यादा ज्वाइंटनेस, आत्मनिर्भरता और इनोवेशन के लिए ठोस कदम तेजी से लागू करने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दो साल में लागू किए गए सुधारों और अगले दो साल की योजना की भी समीक्षा की। इस मौके पर सशस्त्र बलों की तरफ से प्रधानमंत्री को सेना की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। खास तौर पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद बनाए गए न्यू नॉर्मल, नई उभरती तकनीक और रणनीति के संदर्भ में भविष्य के युद्ध के बारे में जानकारी दी गई। सीसीसी-2025 का मुख्य फोकस सुधार, बदलाव और परिचालन तत्परता पर है। ये सभी पहलू सशस्त्र बलों की संस्थागत सुधारों, गहरे एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। विचार-विमर्श का उद्देश्य सशस्त्र बलों को और अधिक मजबूत बनाना है, ताकि वे बदलते जियोपॉलिटिकल परिदृश्य में निर्णायक रह सकें।
सम्मेलन में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुख इस सम्मेलन में शामिल हैं। सीसीसी द्विवार्षिक आयोजन है जिसे सशस्त्र बलों का सर्वोच्च विचार-मंथन मंच माना जाता है। यह देश के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को विचारों का आदान-प्रदान करने और रणनीतिक, संस्थागत और परिचालन प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए एकजुट करता। इस सम्मेलन में सेना के विभिन्न रैंकों के अधिकारी शामिल होते हैं।
16वां संयुक्त सम्मेलन, सशस्त्र बलों के सुधारों, रूपांतरण, परिवर्तन और परिचालन तैयारियों पर केंद्रित है। इसका विषय है सुधारों का वर्ष - भविष्य के लिए परिवर्तन। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य संस्थागत सुधारों, गहन एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता बनाए रखना और उच्च स्तर की बहु-क्षेत्रीय परिचालन तत्परता हासिल करना है। पिछला सीसीसी सम्मेलन 2023 में भोपाल में आयोजित किया गया था।
7 मई को सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पहली बार पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं के कमांडरों को एक साथ संबोधित किया। 15 से 17 सितंबर तक कोलकाता में आर्म्ड फोर्स कंबाइंड कमांडर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस साल सीसीसी की थीम है ईयर ऑफ रिफॉर्म: ट्रांसफॉर्मिंग फॉर दी फ्यूचर। इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस मौके पर रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा राज्य मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और रक्षा सचिव भी शामिल होंगे।
भारतीय सेना अपने आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है, वो भी स्वदेशी तरीके से। रक्षा मंत्रालय इस साल को ईयर ऑफ रिफॉर्म के तौर पर मना रहा है। सीसीसी का मुख्य फोकस सुधार, परिवर्तन और ऑपरेशनल तैयारियों पर होगा। यह सभी आर्म्ड फोर्स की संस्थागत सुधार, इंटीग्रेशन और तकनीकी आधुनिकीकरण की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा। यह मल्टी-डोमेन ऑपरेशनल तैयारी को बनाए रखता है। इस विचार-विमर्श का उद्देश्य आर्म्ड फोर्स को और मजबूत करना है, जो तेजी से बदलते जियो-पॉलिटिकल स्थिति में चुस्त और निर्णायक हैं। इस सम्मेलन में अलग-अलग रैंकों के अधिकारियों और कर्मियों के साथ इंटरैक्टिव सेशन होंगे।
पहले सेना से जुड़े सभी बड़ी बैठक और कार्यक्रम दिल्ली में ही आयोजित होते थे। पीएम मोदी के सुझाव के बाद से इन कार्यक्रमों को दिल्ली से बाहर आयोजित किया जाने लगा। इसमें कंबाइंड कमांडर कॉन्फ्रेंस, आर्मी डे, एयरफोर्स डे, नेवी डे, डिफेंस एक्सपो जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। इसके पीछे का मकसद था कि दिल्ली से बाहर आयोजनों से जनता को सेना के करीब लाना है। साल 2015 में पहली बार कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस दिल्ली से बाहर आयोजित किया गया था। इसमें पीएम मोदी ने शिरकत की थी। पहली बार यह केरल के कोच्चि तट के पास समंदर में एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर आयोजित किया गया था। साल 2017 में देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में आयोजित की गई थी। पीएम मोदी ने शिरकत की थी। इस दौरान साइबर सुरक्षा, हाइब्रिड युद्ध, और तकनीकी उन्नति पर चर्चा की गई थी। साल 2018 में जोधपुर वायुसेना स्टेशन, 2021 में गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, और 2023 में भोपाल में भी आयोजित की जा चुकी है।
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