ऑपरेशन सिंदूर में गेम चेंजर साबित हुआ एस- 400

ऑपरेशन सिंदूर से थर्राया पाकिस्तान, घुटनों पर आया

ऑपरेशन सिंदूर में गेम चेंजर साबित हुआ एस- 400

नई दिल्ली, 19 सितम्बर (एजेंसियां)। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत के पास मौजूद लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एस-400 ने बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि एस-400 के शक्तिशाली रडार और मिसाइल सिस्टम की वजह से दुश्मन के लड़ाकू विमान अपने ही इलाके में सुरक्षित नहीं रह पाए।

वायुसेना संघ (एएसए) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में एयर चीफ मार्शल ने कहा, पहलगाम हमले के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी की। हमें आतंकवादी ठिकानों की जानकारी दी गई। हमने उन पर सटीक हमला किया। जब हमारे दुश्मनों ने युद्ध रोकने से इनकार कर दिया और हम पर हमला करने की कोशिश की, तो हमने उन पर जोरदार और सटीक हमला किया। उनके कई ठिकाने तबाह हो गए। उनके कई बुनियादी ढांचे, रडार, नियंत्रण और समन्वय केंद्र, उनके हैंगर, विमान, सब को भारी नुकसान पहुंचा। वायुसेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर में मुरीदके पर हुए हमले का वीडियो दिखा कर बताया कि भारतीय वायुसेना के वार से कितनी तबाही हुई थी।

 
एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, 'एस-400 की रेंज दुश्मन के हथियारों की रेंज से ज्यादा थी। इसी वजह से वे हमारे हथियारों की मारक दूरी तक भी नहीं पहुंच पाए और जो विमान आगे बढ़े, उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा। यह हमारे लिए एक गेम चेंजर साबित हुआ।' उन्होंने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना ने ऐसी रणनीति अपनाई कि दुश्मन अपने ही इलाके में विमान संचालित करने से डरने लगा। इससे भारत को निर्णायक बढ़त मिली।
 
 
ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, 'पिछली बार जब बालाकोट स्ट्राइक हुई थी, तो वायुसेना से बार-बार पूछा गया था कि हम अपने लोगों से तो ज्यादा पूछते हैं लेकिन दूसरों के बारे में कम सोचते हैं, इसलिए बार-बार पूछा गया कि कुछ दिख नहीं रहा है... मुझे लगता है कि सबसे अच्छी चीजों में से एक ये थी कि राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। हमारे नेतृत्व ने हमें स्पष्ट निर्देश दिए और कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। हमें योजना बनाने की पूरी आजादी दी गई और एकजुटता थी; तीनों सेनाएं एक साथ बैठी थीं, एक साथ चर्चा कर रही थीं, एक साथ योजना बना रही थीं, सीडीएस के साथ, अन्य एजेंसियों के साथ, एनएसए ने भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभाई थी।'
 
वायुसेना प्रमुख ने दुनिया में लगातार संघर्षरत देशों को नसीहत भी दी। रूस-यूक्रेन और मध्य-पूर्व में जारी संघर्ष की बात करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया को भारत से सीखना चाहिए कि किस प्रकार किसी युद्ध को शुरू और फिर खत्म किया जाता है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वर्षों बीत जाते हैं लेकिन लड़ाइयां चली जा रही हैं, क्योंकि कोई लड़ाई बंद करने के बारे में नहीं सोच रहा है। सिंह ने कहा, हमारे देश में भी कहा गया कि और कार्रवाई करनी चाहिए थी, युद्ध क्यों रोका, लेकिन हमारा उद्देश्य आतंकियों के विरुद्ध कार्रवाई करना था। हम अपना मकसद हासिल कर चुके थे।

वायुसेना प्रमुख ने पूछा, अगर हमारा उद्देश्य हासिल हो चुका हो तो फिर लड़ाई को क्यों जारी रखना चाहिए। किसी भी लड़ाई की हमें बहुत कीमत चुकानी पड़ती है। देश की अर्थव्यवस्था और सामान्य प्रगति पर प्रभाव पड़ता है। इससे हमारी अगली लड़ाई की तैयारी प्रभावित हो सकती है। एपी सिंह ने कहा, युद्ध खत्म करने में अहम आड़े नहीं आना चाहिए।

एक दिन पहले सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बताया था कि 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले को आधी रात 1 से 1:30 बजे के बीच अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि यह समय दो वजहों से चुना गया। पहली वजह यह थी कि हमारी सेना को अपनी तकनीकी और खुफिया क्षमताओं पर पूरा भरोसा था कि अंधेरे में भी हम सटीक तस्वीरें और सबूत जुटा सकते हैं। दूसरी और सबसे अहम वजह थी निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा। इसलिए, सेना ने अंधेरे में हमला कर आतंकियों को निशाना बनाया और नागरिकों को नुकसान से बचाया।
 

भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष में उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सभी हमलों को विफल करते हुए पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस नेस्तनाबूद करते हुए उसे घुटनों पर ला दिया था। भारत ने ये कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत की थी। जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत से संघर्षविराम की गुहार लगाई थी।

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