पुलिस हिरासत में कथित 11 मौतें
थानों में सीसीटीवी कैमरों की कमी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (एजेंसियां)। उच्चतम न्यायालय ने पुलिस हिरासत में कथित मौतों के मद्देनजर देश भर के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरों की कमी से संबंधित स्वत: संज्ञान मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। पीठ ने मामले को 22 सितंबर के लिए स्थगित करते हुए कहा, "आदेश सुरक्षित। अगले सोमवार को आदेश के लिए सूचीबद्ध करें।"
शीर्ष अदालत 2025 में आठ माह के दौरान कथित पुलिस हिरासत में 11 लोगों की मृत्यु से संबंधित एक हिंदी दैनिक अखबार में प्रकाशित खबर के आधार पर यह स्वत: संज्ञान कार्रवाई चार सितंबर को शुरू की।
अदालत ने हिरासत में मौत से संबंधित एक मामले (परमवीर सिंह सैनी बनाम बलजीत सिंह) में दिसंबर 2020 में खुद ही सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि उनके अधीन कार्यरत हर पुलिस थाने में नाइट विज़न कैमरों वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
अदालत ने स्पष्ट किया था कि सीसीटीवी की इस व्यवस्था में ऑडियो के साथ-साथ वीडियो फुटेज भी शामिल होना चाहिए।
न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ की द्वारा दिए गए इस फैसले में थानों में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य किया गया था।
#सुप्रीमकोर्ट, #पुलिसहिरासत, #मौतें, #मानवाधिकार, #सीसीटीवीकैमरा, #पुलिससुधार, #न्यायपालिका, #कानूनव्यवस्था, #CustodialDeaths, #SupremeCourt