कृषि और सहकारिता विभाग मिलकर करेंगे खाद आपूर्ति का समन्वय

सूर्य प्रताप शाही ने दिए सख्त निर्देश

कृषि और सहकारिता विभाग मिलकर करेंगे खाद आपूर्ति का समन्वय

लखनऊ, 28 अक्टूबर (एजेंसी/संवाददाता)। उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए प्रदेश भर में खाद और बीज की आपूर्ति को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही और सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जेपीएस राठौर ने मंगलवार को दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा समीक्षा बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए कि “प्रदेश के किसी भी किसान को खाद या बीज के अभाव में कठिनाई नहीं होनी चाहिए।”

दोनों मंत्रियों ने सचिवालय के सभाकक्ष 44-ख में आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में विभागीय समन्वय की नई कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कृषि एवं सहकारिता विभाग आपसी सहयोग और पारदर्शी समन्वय के साथ खाद की वितरण प्रणाली को मजबूत करेंगे, ताकि किसानों तक समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज पहुँच सके।

विभागीय समन्वय पर बल

बैठक के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि रबी सीजन के लिए राज्य में खाद और बीज की कोई कमी नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि “प्रदेश के सभी मंडलों और जिलों में भंडारित खाद का समुचित वितरण सुनिश्चित किया जाए। जिन जिलों में खाद की अधिक मात्रा उपलब्ध है, वहां से आस-पास के जिलों को अगले दो दिनों में तत्काल आपूर्ति कर दी जाए।”

शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार की प्राथमिकता किसानों को समय पर कृषि संसाधन उपलब्ध कराना है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि “यदि किसी जनपद में खाद की कमी की शिकायत मिली, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।”

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पर्याप्त खाद भंडार की स्थिति

कृषि मंत्री ने बैठक में जानकारी दी कि 28 अक्टूबर, 2025 तक प्रदेश भर में कुल 25.40 लाख मीट्रिक टन खाद भंडार में उपलब्ध है। इनमें से 7.76 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री किसानों द्वारा की जा चुकी है

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उन्होंने जनपदवार भंडार की स्थिति बताते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी में 24,207 मीट्रिक टन यूरिया, 5,179 मीट्रिक टन डीएपी और 6,939 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। महोबा में 6,095 मीट्रिक टन यूरिया, 2,319 मीट्रिक टन डीएपी और 1,052 मीट्रिक टन एनपीके का भंडार है। फतेहपुर में 19,676 मीट्रिक टन यूरिया, 6,552 मीट्रिक टन डीएपी और 9,172 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध हैं। इसी प्रकार बदायूं में 30,169 मीट्रिक टन यूरिया, 8,734 मीट्रिक टन डीएपी और 8,517 मीट्रिक टन एनपीके, जबकि अमेठी में 10,809 मीट्रिक टन यूरिया, 5,088 मीट्रिक टन डीएपी और 4,045 मीट्रिक टन एनपीके का भंडार है।

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कृषि मंत्री ने कहा कि यह भंडार रबी फसलों की बुवाई के लिए पर्याप्त है, लेकिन समय पर आपूर्ति न होने से किसानों को दिक्कत न हो, इसके लिए जिला स्तर पर विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएं।

सहकारिता मंत्री का निर्देश — “समयबद्ध रणनीति तैयार करें”

सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जेपीएस राठौर ने कहा कि सहकारिता विभाग किसानों तक खाद पहुंचाने की सबसे बड़ी कड़ी है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि “प्रत्येक जनपद के भंडार गृहों और विक्रय केंद्रों पर खाद की संतुलित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए एक समयबद्ध रणनीति बनाकर उसी के अनुरूप त्वरित कार्यवाही की जाए।”

राठौर ने यह भी निर्देश दिया कि विक्रय केंद्रों पर किसानों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टोकन व्यवस्था और ऑनलाइन निगरानी प्रणाली लागू की जाए, ताकि खाद वितरण पारदर्शी ढंग से हो सके।

लापरवाही पर कार्रवाई

कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विभागीय कार्यों के प्रति उदासीनता बरतने वाले देवीपाटन मंडल के संयुक्त कृषि निदेशक श्री लोकेंद्र सिंह का वेतन रोकने के आदेश जारी किए। मंत्री ने कहा कि “किसानों से जुड़ा कोई भी कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता का है। इस क्षेत्र में उदासीनता, शिथिलता या लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।”

वर्चुअल बैठक के माध्यम से जिलों से सीधा संवाद

बैठक के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंडल और जनपद स्तर के अधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और कृषि अधिकारियों से कहा कि विक्रय केंद्रों पर खाद और बीज की समुचित मात्रा में, समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि “किसानों को लाइन में लगने की नौबत न आए। प्रत्येक विक्रय केंद्र पर पर्याप्त स्टॉक और सुचारु वितरण व्यवस्था होनी चाहिए।”

उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि यदि किसी भी जिले से खाद या बीज की कमी की शिकायत मिली तो तत्काल संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

उच्चाधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि श्री रवींद्र, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री सौरभ बाबू, निदेशक कृषि श्री पंकज त्रिपाठी, एमडी पीसीएफ श्री चंद्र भूषण सिंह, संयुक्त निदेशक उर्वरक श्री आशुतोष मिश्रा, और संयुक्त निदेशक ब्यूरो श्री अखिलेश कुमार सिंह सहित दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

अधिकारियों ने मंत्रियों को आश्वस्त किया कि प्रदेश में किसी भी स्तर पर खाद की कमी नहीं है और वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सभी मंडल स्तर पर टीमें गठित कर दी गई हैं।

किसानों को राहत, सरकार का संदेश

बैठक के अंत में कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि “किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्हें बीज, खाद और अन्य संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। रबी सीजन में उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी।”

दोनों मंत्रियों ने संयुक्त रूप से यह भी कहा कि आने वाले समय में कृषि और सहकारिता विभाग मिलकर एक एकीकृत आपूर्ति तंत्र (Integrated Supply Mechanism) विकसित करेंगे, जिससे खाद, बीज और कीटनाशक की उपलब्धता पर रियल-टाइम मॉनिटरिंग हो सके और प्रदेश के किसी भी हिस्से में संकट की स्थिति न बने।

बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार इस बार रबी सीजन में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं चाहती। प्रशासनिक तत्परता के साथ-साथ डिजिटल निगरानी व्यवस्था के जरिये सरकार किसानों को भरोसा दिला रही है कि उत्तर प्रदेश में कृषि संसाधनों की आपूर्ति समय पर, पारदर्शी और प्रभावी ढंग से होगी।

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