हेली गुब्बी ज्वालामुखी से निकला राख का बादल भारत की ओर, हवाई उड़ानें प्रभावित
नयी दिल्ली, 24 नवंबर (एजेंसियां)। उत्तरी इथोपिया में स्थित हेली गुब्बी ज्वालामुखी के अचानक सक्रिय होने और भारी विस्फोट के बाद उससे निकला विशाल राख का बादल भारत की दिशा में बढ़ रहा है। हजारों वर्षों से शांत रहे इस ज्वालामुखी के सक्रिय होने से क्षेत्रीय मौसम तंत्र और अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात पर व्यापक असर पड़ा है। भारत के मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि राख का यह बादल आज रात देश के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में प्रवेश कर सकता है, जिससे हवाई मार्गों पर उड़ानों की संचालन क्षमता प्रभावित होगी।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार राख का बादल सबसे पहले गुजरात के आकाश में पहुंच सकता है, जिसके बाद यह दिल्ली, राजस्थान और पंजाब के ऊपर से गुजरने की आशंका है। हालात को देखते हुए भारत से पश्चिम एशिया की ओर जाने वाली उड़ानों पर इसका सीधा असर दिखाई देने लगा है। स्पाइसजेट ने पुष्टि की है कि उसकी दुबई जाने वाली कुछ उड़ानें बाधित हुई हैं और उनके प्रस्थान समय में देरी की गई है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सभी एयरलाइनों को एडवाइजरी जारी करते हुए प्रभावित मार्गों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। एयरलाइंस से ऑपरेशनल मैनुअल की समीक्षा करने और पायलट समेत पूरे क्रू को अपडेटेड ब्रीफिंग उपलब्ध कराने को कहा गया है। राख के बादल की उपस्थिति में दृश्यता प्रभावित होने के साथ-साथ इंजन को भी जोखिम होता है, ऐसे में उड़ानों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रखी जा रही है।
इंडिगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रियों को सूचित किया है कि वह स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और आवश्यक निर्णय समय-समय पर लिए जा रहे हैं। मुंबई एयरपोर्ट ने भी यात्रियों से संबंधित एयरलाइंस के संपर्क में रहने की अपील की है।
उधर, कोच्चि हवाई अड्डे से दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों—एक दुबई और एक जेद्दा—को रद्द करने की जानकारी मिली है। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन राख के बादल की दिशा और घनत्व को देखते हुए अगले 24 घंटे विमान सेवाओं के लिए संवेदनशील माने जा रहे हैं।

