सिद्दारमैया ने पार्टी को मजबूत किया है: डी.के. शिवकुमार
बेंगलुरु, 25 नवंबर (एजेंसियां)। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों पर कोई स्पष्ट बयान देने से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी की एकता और अस्तित्व सर्वोच्च है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद सत्ता परिवर्तन की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं, लेकिन शिवकुमार ने इस विषय पर पूरी तरह चुप्पी बनाए रखी।
शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया वरिष्ठ नेता हैं और कांग्रेस के लिए एक मूल्यवान संपत्ति हैं। उन्होंने याद दिलाया कि सिद्दारमैया ने अपने पिछले कार्यकाल में साढ़े सात वर्ष पूरे किए थे और अब उन्होंने अगला बजट पेश करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जो पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि यह पूरा मसला पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच का आंतरिक और गोपनीय मामला है।
गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ कार में हवाई अड्डे तक पहुँचे, लेकिन वहां हुई बातचीत के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। शिवकुमार को लंबे समय से मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता है और इसी को लेकर कर्नाटक की राजनीति में संशय और अटकलों का दौर जारी है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी अंतरात्मा के अनुसार कार्य किया है और सिद्दारमैया ने पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका कहना था कि कांग्रेस को 2028 के विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए। जनता का समर्थन केवल किसी एक नेता का नहीं, बल्कि पार्टी के सामूहिक नेतृत्व में विश्वास का प्रमाण है।
विधायकों के दिल्ली दौरे पर उन्होंने कहा कि जो लोग मंत्री पद चाहते थे, वे अपनी इच्छा से गए हैं। मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार और पूर्व मंत्री सदानंद गौड़ा द्वारा सत्ता-साझेदारी पर की गई टिप्पणी के जवाब में उन्होंने कहा कि वह किसी अन्य व्यक्ति के बयान पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
शिवकुमार ने कहा कि मजबूत नींव के बिना कोई भी पार्टी टिक नहीं सकती। जिस प्रकार स्थानीय निकाय और पंचायतें राजनीति की मजबूत इकाइयाँ हैं, उसी तरह पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी संगठन की रीढ़ हैं। उन्होंने बताया कि इसी भावना के चलते, व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद वे मतदान करने पहुँचे, क्योंकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी संगठन की मजबूती का अनिवार्य हिस्सा है।

